नई दिल्ली, रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि अगले पांच साल में 24 हजार किलोमीटर ट्रैक का विद्युतीकरण करने का एक महत्वाकांत्री लक्ष्य निर्धारित किया है। इससे ट्रेन को तेज गति से दौड़ने में मदद मिलेगी। इसके अलावा बिजली के बिल को कम करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि वेतन और पेंशन बिल के बाद रेलवे की बिजली का खर्चा सबसे ज्यादा है। उन्होंने बताया कि फिलहाल हर साल 2000 किलोमीटर ट्रैक का विद्युतीकरण किया जा रहा है और 2017-18 तक 4000 किलोमीटर पहुंचने का लक्ष्य है और इसके लिए रेलवे ने तीन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ करार किया है।
रेलमंत्री ने कहा कि रेलवे को उम्मीद है कि प्रमुख रेल मार्गों का विद्युतीकरण करने से सालाना 10,000 करोड़ रुपये का बिल कम आएगा। उन्होंने प्रदूषण पर चिंता जाहिर की और कहा कि कार्बन उत्सर्जन सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए चुनौती है और अब ऐसी स्थिति में पहुंच गए हैं जहां पर कार्बन को अवशोषित नहीं किया जा सकता। ऐसे में सौर ऊर्जा और विंड पावर का इस्तेमाल करना होगा।