नई दिल्ली , संसद के दोनों सदनों में बुधवार को भारत छोड़ो आंदोलन के 75वीं वर्षगांठ के मौके पर विशेष सत्र का आयोजन किया गया.लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सदन को संबोधित करते हुए भारत छोड़ो आंदोलन की याद दिलायी.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा 1942 का नारा था ‘करो या मरो’ आज का नारा है ‘करेंगे या कर के रहेंगे. उन्होंने आगे कहा, ‘आज का दिन हमारे लिए गौरव की बात है. 9 अगस्त के आंदोलन की कल्पना अंग्रेजों को भी नहीं थी. युवाओं ने इसे आगे बढ़ाया था.1857 से 1947 के बीच आंदोलन के कई पड़ाव आए.
पीएम ने कहा, बापु के प्रयास से ही 1942 से 1947 तक बेड़ियां चकनाचूर हो गईँ और भारत आजाद हो गया. 1857 से 1947 के बीच कई पड़ाव आए. भारत छोड़ो’ आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वह देश को साम्प्रदायिकता, जातिवाद और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से मुक्त बनाने के लिए कदम उठाएं और 2022 तक ‘नये भारत’ का निर्माण करें. महात्मा गांधी के नेतृत्व में साल 1942 में हुए ऐतिहासिक आंदोलन में भाग लेने वाले सभी लोगों को सलाम करते हुए मोदी ने लोगों से इससे प्रेरणा लेने को कहा.
कई ट्वीट में मोदी ने लिखा है कि आजादी पाने के लिए महात्मा गांधी के नेतृत्व में पूरा देश एकजुट हुआ था. उन्होंने लिखा है, ‘ऐतिहासिक भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर हम आंदोलन में भाग लेने वाले सभी महान महिलाओं और पुरूषों को सलाम करते हैं.’ उन्होंने लिखा, ‘1942 में भारत को उपनिवेशवाद से मुक्त कराने की जरूरत थी. आज, 75 साल बाद मुद्दे अलग हैं. भारत को गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, साम्प्रदायिकता से मुक्त कराने और 2022 तक ‘नये भारत’ का निर्माण करने की शपथ लें. ‘संकल्प से सिद्धि’ का नारा देते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे कंधे-से-कंधा मिलाकर ‘‘ऐसे भारत का निर्माण करें जिस पर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का गर्व हो’’.