नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के हजीरा में रो-पैक्स टर्मिनल का शुभारम्भ करेंगे और हजीरा एवं घोघा के बीच रो-पैक्स सेवा को हरी झंडी दिखाएंगे।
जलमार्गों के इस्तेमाल और उन्हें देश के आर्थिक विकास के साथ जोड़ने के प्रधानमंत्री के विजन की दिशा में इसे एक अहम कदम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम के दौरान सेवा का उपयोग करने वाले स्थानीय लोगों के साथ संवाद भी करेंगे। इस अवसर पर पोत परिवहन राज्य मंत्री और गुजरात के मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहेंगे।
हजीरा में शुरू किए जा रहे रो-पैक्स टर्मिनल की लंबाई 100 और चौडाई 40 मीटर है, जिस पर करीब 25 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस टर्मिनल में प्रशासनिक कार्यालय इमारत, पार्किंग क्षेत्र, सबस्टेशन और वाटर टॉवर आदि कई सुविधाएं बनायी गयी हैं।
रो-पैक्स फेरी वैसल ‘वोयेज सिम्फनी’ तीन मंजिला जहाज है। इसके मुख्य डेक की भार क्षमता 30 ट्रक , ऊपरी डेक की 100 यात्री कार और यात्री डेक की क्षमता 500 यात्रियों तथा 34 चालक दल एवं आतिथ्य सेवा कर्मचारियों की है।
हजीरा-घोघा रो-पैक्स फेरी सेवा के कई फायदे होंगे। यह दक्षिणी गुजरात और सौराष्ट्र क्षेत्र के द्वार के रूप में काम करेगा। इससे घोघा और हजीरा के बीच की दूरी 370 से घटकर 90 किलोमीटर रह जाएगी। इसके अलावा कार्गो ढुलाई की अवधि 10 से 12 घंटे से घटकर लगभग 4 घंटे होने के कारण हर रोज लगभग 9,000 लीटर ईंधन की भारी बचत होगी और वाहनों की रख-रखाव की लागत में खासी कमी आएगी।
फेरी सेवा हजीरा-घोघा मार्ग पर प्रति दिन 3 ट्रिप के माध्यम से सालाना लगभग 5 लाख यात्रियों, 80,000 यात्री वाहनों, 50,000 दोपहिया वाहनों और 30,000 ट्रकों की ढुलाई करेगी। इससे ट्रक चालकों की थकान कम होगी और अतिरिक्त ट्रिप के ज्यादा अवसर मिलने से उनकी आय में भी इजाफा होगा। इससे कार्बन के उत्सर्जन में प्रतिदिन लगभग 24 टन तक की कमी भी आएगी ।
सौराष्ट्र क्षेत्र तक पहुंच आसान होने के साथ पर्यटन उद्योग को गति मिलेगी और रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा। फेरी सेवाओं की शुरुआत के साथ, सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में बंदरगाह क्षेत्र, फर्नीचर और उर्वरक उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा। गुजरात विशेषकर पोरबंदर, सोमनाथ, द्वारका और पलिताना में पारिस्थितिकीय पर्यटन और धार्मिक पर्यटन में खासी बढ़ोतरी होगी। इस फेरी सेवा के माध्यम से संपर्क में सुधार से गिर के प्रसिद्ध एशियाई शेर वन्यजीव अभ्यारण्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी।