नई दिल्ली, पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा था कि पाकिस्तान बेहोशी की हालत में हैं। पाकिस्तान के हुक्मरानों के साथ-साथ पाक फौज ये नहीं समझ पा रही है कि इस मामले में किस तरह से प्रतिक्रिया दी जाए। इस बीच भारतीय सेना का मानना है कि पीओके में दहशतगर्दों के कैंपों पर लगातार 6 महीने तक कार्रवाई होती रहनी चाहिए। सेना के अधिकारियों का मानना है कि आतंक के आकाओं के खिलाफ छिटपुट सर्जिकल स्ट्राइक से ठोस रूप से कुछ हासिल नहीं किया जा सकता है। आतंकियों के मनोबल को तोड़ने के लिए एक मीडियम अवधि की नीति पर चलने की आवश्यकता है। यही नहीं केंद्र सरकार और राज्य सरकारों खास तौर से जम्मू-कश्मीर को आतंकियों के नापाक मंसूबों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। बौखलाया पाकिस्तान और दहशतगर्द हिंदुस्तान के अलग-अलग जगहों को निशाना बना सकते हैं। सेना के रणनीतिकारों का कहना है कि पीओके में केवल एक सर्जिकल स्ट्राइक से दहशतगर्दों के हौसले पस्त हुए हैं।लेकिन उनकी कमर तोड़ने के लिए हमें लगातार इस तरह की कार्रवाई को जारी रखने की जरूरत है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि हाल की भारतीय कार्रवाई के बाद पीओके में दहशतगर्द अस्थायी लॉन्च पैड का निर्माण कर सकते हैं। इन लॉन्च पैड के जरिए वो आतंकियों की खेप को जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर भेज सकते हैं। जानकारों का ये भी कहना है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद घाटी में आतंकियों से हमदर्दी रखने वालों के हौसले भी पस्त हुए हैं। लिहाजा दहशतगर्दों के नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए लगातार कार्रवाई होनी चाहिए। जानकारों के मुताबिक पीओके के काफी अंदर करीब 40 आतंकियों के ठिकाने हैं।इसके अलावा आतंक के आका एलओसी के पास करीब 50 लॉन्च पैड के जरिए आतंकियों को भारतीय सीमा में भेजते हैं। फिलहाल करीब 200 आतंकी इन लॉन्च पैड पर मौजूद हैं जिसकी हिफाजत पाकिस्तान की सेना करती है।