पीलीभीत, उत्तर प्रदेश में पीलीभीत जिले के शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी और शारदा, गोमती जैसी नदियों से घिरे 73000 हेक्टेयर के विशाल जंगल को मिलाकर बने पीलीभीत टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र विधिवत समाप्त हो गया है। अब पर्यटको को जंगल सफारी का आनंद लेने के लिए लगभग छह माह तक की प्रतीक्षा करनी पड़ेगी।
प्रभागीय वनाधिकारी पीलीभीत टाइगर रिजर्व नवीन खंडेलवाल ने एक बयान जारी कर कहा कि 15 जून की शाम को सैलानियों ने इस सत्र की आखिरी सफारी का लुत्फ उठाया। अब 15 नवंबर को दोबारा सैलानियों के लिए पर्यटन सत्र का आगाज किया जाएगा, जिसके बाद ही आप अब टाइगर के दीदार हो सकेंगे। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली की गाइडलाइन के अनुसार टाइगर रिजर्व को 15 जून से 15 नवम्बर तक बंद रखा जाता है।
उन्होने बताया कि 15 नवंबर 22 को शुरू हुये पर्यटन सत्र का शुक्रवार शाम समापन हो गया। इस सत्र के दौरान कुल 23 हजार 526 भारतीय एवं 54 विदेशी समेत 23579 पर्यटक आये। जिससे विभाग को पांच करोड़ दस लाख चार हजार रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जो कि विगत वर्षो से सर्वाधिक है।
पीलीभीत टाईगर रिजर्व के अन्तर्गत विभिन्न रेंजो में सात वन विश्राम भवन उपलब्ध है। चूका पर्यटन स्थल पर पर्यटकों के रात्रि विश्राम के लिये चार थारू, एवं एक ट्री हट उपलब्ध है। चूका पर्यटन स्थल पर मुस्तफाबाद ईको विकास समिति कैन्टीन का संचालन कर रही है। चूका पर्यटन स्थल पर एक सोविनियर शॉप भी उपलब्ध है।