अगरतला, बांस क्षेत्र में कार्यरत प्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं आजीविका विस्तार के लिए वन अनुसंधान केंद्र (एफआरसीएलई) के निदेशक डॉ. पवन के. कौशिक का कोविड-19 के कारण सोमवार शाम एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। डॉ. कौशिक 52 वर्ष के थे और उनके परिवार में वृद्ध माता-पिता, पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है।
मध्य प्रदेश के निवासी डॉ. कौशिक पिछले 15 वर्षों से त्रिपुरा में काम कर रहे थे। उन्होंने विशेष रूप से राज्य के आदिवासी इलाकों में बांस आधारित उद्योगों और आजीविका में उल्लेखनीय परिवर्तन किया है।
डॉ. कौशिक ने त्रिपुरा में बड़ी संख्या में बांस आधारित नवाचार शुरू किये। उन्होंने 2016 में बांस से बनी पानी की बोतल बनायी जो उनके दिमाग की उपज थी। मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव ने पिछले वर्ष जब हरित पुनर्वास पहल के उत्पाद का प्रचार किया था, तब इस बोतल ने बॉलीवुड सुपरस्टार रवीना टंडन का भी ध्यान खींचा था।
डॉ कौशिक के प्रयास से कारीगरों ने एफआरसीएलई के तहत मूल्य संवर्धन कार्य के हिस्से के तौर पर उत्पादों को विकसित किया था। बांस और गन्ना विकास संस्थान (बीसीडीआई) ने केंद्र सरकार द्वारा एकल प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के बाद वाणिज्यिक उद्देश्य से बांस की अनूठी बोतल डिजाइन की थी।
वह दो सप्ताह पहले अपने गृहनगर अपने कोविड प्रभावित माता-पिता से मिलने गये थे जिसके बाद वह भी कोरोना संक्रमित हो गये। वह इलाज के लिए अगरतला सरकारी मेडिकल कॉलेज (एजीएमसी) में भर्ती हुए थे। उनकी रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी। तीन दिन पहले उन्हें बुखार, सांस लेने में तकलीफ और अन्य दिक्कतों के साथ यहां के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।