नई दिल्ली, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज 500 और 1,000 रुपए के चलन से बाहर हो गए पुराने नोट जमा कराते समय राजनीतिक दलों को आयकर संबंधी छूट देने के केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल किए। केजरीवाल ने केंद्र द्वारा दी गयी इस छूट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बीच शुक्रवार को हुई बैठक से जोड़ते हुए कहा कि यह घोषणा दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत का नतीजा है। उन्होंने कहा, एक खाते में 2.5 लाख रुपए जमा करने पर आम लोगों की जांच की जा रही है। लेकिन अगर इस फैसले के बाद राजनीतिक दल 2,500 करोड़ रुपए भी जमा करें तो उनकी जांच नहीं होगी, तो यह गलत है।
केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, हम राजनीतिक दलों के बैंक खाते के पिछले पांच सालों के ब्यौरे की और उनकी आय के स्रोतों की जांच के लिए एक स्वतंत्र आयोग के गठन की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र नोटबंदी के बाद सभी राजनीतिक दलों द्वारा जमा कराए गए धन के ब्यौरे सार्वजनिक करे और मांग की कि आय कर संबंधी छूट के लिए 20,000 रुपए से कम के दान की सीमा हटायी जाए तथा दलों को मिलने वाले हर पैसे की घोषणा हो।
मुख्यमंत्री ने कहा, गठन के बाद से अब तक आम आदमी पार्टी द्वारा जमा किए गए आयकर रिटर्न की जांच की जा रही है। हम आयकर विभाग को हर रसीद एवं हर चालान सौंप रहे हैं। हमें डर नहीं है, तो भाजपा एवं दूसरी पार्टियों को किस चीज का डर है? उनकी भी जांच क्यों नहीं हो? मोदी के कड़े आलोचक केजरीवाल ने उन पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजनीतिक दल काला धन के सबसे बड़े जमाखोर हैं और ऐसे समय में जब लोग अपनी मेहनत की कमाई निकालने के लिए बैंक एवं एटीएम के बाहर कतारों में खड़े होने के लिए मजबूर हैं, प्रधानमंत्री काले धन को सफेद करने में इन दलों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ये देश के साथ धोखा है।
केजरीवाल ने कहा कि यह हैरान करने वाला है कि राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल के मोदी से मिलने के बाद यह फैसला आया। उन्होंने मांग की कि कांग्रेस उपाध्यक्ष मोदी के भ्रष्टाचार के ब्यौरे सार्वजनिक करें क्योंकि उन्होंने अपने पास इससे जुड़े दस्तावेज होने का दावा किया था। उन्होंने कहा, वह मोदी के भ्रष्टाचार के ब्यौरे साझा नहीं कर रहे, केवल उसकी बात कर रहे हैं। इसके बाद वे प्रधानमंत्री से मिलते हैं और एक समझौता कर लेते हैं। मैं राहुल से सबूत सार्वजनिक करने और मोदी के साथ कोई सौदा ना करने की अपील करूंगा। वरना देश उन्हें माफ नहीं करेगा।
मुख्यमंत्री ने मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि आठ नवंबर को जब उन्होंने नोटबंदी की घोषणा की थी तब से ही उनके बुरे इरादे हैं। इसी बीच केजरीवाल ने भी पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें बढ़ाने के फैसले की भी निंदा की। उन्होंने कहा, हम ईंधन की कीमतों में वृद्धि का विरोध करते हैं। यह सीधे तौर पर नोटबंदी का नतीजा है। नोटबंदी के बाद रुपया अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमजोर हो गया जिसके कारण ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी हुई। इसे तत्काल वापस ले लेना चाहिए। केजरीवाल ने नोटबंदी को असंवैधानिक बताते हुए नोटबंदी को लेकर उच्चतम न्यायालय में लंबित मामले की तरफ इशारा किया और उम्मीद जतायी कि न्यायालय लोगों की चिंताओं का संज्ञान करेगा तथा इस फैसले को असंवैधानिक घोषित कर देगा।