नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा नदी की स्वच्छता के लिये अपने पसंदीदा कार्यक्रम के क्रियान्वयन की समीक्षा की। बताया जाता है कि बैठक में प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को कार्यक्रम समय पर पूरा करने का निर्देश दिया। नमामि गंगे कार्यक्रम पर गुरुवार की बैठक को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में भाजपा के सत्ता में आने के बाद इसकी यह पहली बैठक रही।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड नदी के दो अहम बेसिन राज्य हैं जिनकी पूर्ववर्ती सरकारों पर केंद्र ने पूरी तरह से सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बताया जाता है कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम कर रहे अधिकारियों को लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये ताकि यह महज कोई सरकारी परियोजन नहीं रह जाये।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को परियोजना से संबद्ध सूचना का उचित प्रसारण सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से यह भी सुनिश्चित करने के लिये कहा है कि परियोजना किसी सरकारी कार्यक्रम के बजाय सरकारी-सार्वजनिक परियोजना दिखे।
सूत्रों ने दावा कि प्रधानमंत्री परियोजना की योजना से संतुष्ट नजर आये और अधिकारियों ने भी काम में तेजी लाने की प्रतिबद्धता जतायी। जल संसाधन मंत्रालय में एक अन्य सूत्र ने बताया कि उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में पूर्ववर्ती सरकारों की गैर-सहयोगात्मक रवैया के चलते परियोजना इच्छित गति नहीं पकड़ सकी।
उत्तर प्रदेश में गंगा का अधिकांश हिस्सा आता है और उत्तराखंड में नदी का उद्गम स्थान है। इनके अलावा बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल इसके बेसिन राज्य हैं।