नयी दिल्ली, रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज संकेत दिये कि आमदनी बढ़ाने के लिये रेलवे यात्री किराया ढांचे में बदलाव किया जायेगा और सड़क परिवहन एवं हवाई सेवाओं से मुकाबले के लिये प्रतिस्पर्द्धी किराये तय किये जायेंगे।
प्रभु ने यहां रेल मंत्रालय में नववर्ष के मौके पर पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा में कहा कि रेलवे को सड़क परिवहन एवं हवाई परिवहन सेवाओं के लिये सरकार की ओर से जन सरोकार के एवज में कोई राहत या सब्सिडी नहीं मिलती जबकि उसे आज इन दोनों परिवहन माध्यमों से तगड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे को 30 से लेकर 70 फीसदी तक जन सरोकार के लिये काम करना पड़ता है। अब तक परंपरा रही थी कि रेलवे मालभाड़े से कमाकर यात्री परिवहन सेवाओं में जन सरोकार के व्यय को स्वयं से वहन करती थी लेकिन अब माल परिवहन परिदृश्य में परिवर्तन आया है। सीमेंट, लोहा, कोयला सहित पांचों मुख्य वस्तुओं के परिवहन में गिरावट दर्ज की गयी है जिससे रेलवे के सामने चुनौती बढ़ गयी है।
एक सवाल में उन्हाेंने बताया कि माल बुकिंग का नब्बे फीसदी का काम ऑनलाइन या डिजिटल माध्यम से होने लगा है। उन्होंने कहा कि रेलवे ने अन्य क्षेत्रों में भी माल परिवहन बढ़ाने के लिये कई कदम उठाये हैं जिनसे तमाम चुनौतियों के बावजूद हाल के कुछ महीनों में आमदनी बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में रेलवे ने चार.पांच प्रकार की किराया प्रणाली लागू की है। गतिमान एक्सप्रेस में 30 प्रतिशत अधिक किराया रखा है। महामना एक्सप्रेस में 15 प्रतिशत ज़्यादा किराया है। हमसफर में फ्लैक्सी किराया प्रणाली है जिसमें आधी सीटें सामान्य किराये पर और बाकी 10.10 प्रतिशत सीटों पर 10.10 प्रतिशत अधिक किराया लेते हुए 150 प्रतिशत किराया लिया जाता है। इसी प्रकार से शताब्दीए राजधानी एवं दुरंतो में भी फ्लैक्सी किराया प्रणाली लागू की गयी है जिसमें सामान्य किराये पर केवल 10 प्रतिशत सीटें उपलब्ध होंगी।