नयी दिल्ली , नोटबंदी की घोषणा के बाद 30 दिसंबर तक जिन खातों में बहुत ज्यादा पैसा जमा कराया गया है सरकार ने बैंकों तथा डाकघरों से 15 जनवरी तक उनकी रिपोर्ट माँगी है। साथ ही यदि किसी खाते के साथ पैन नंबर या फॉर्म 60 संलग्न नहीं है तो 28 फरवरी तक खाताधारक को बैंक में पैन नंबर या फॉर्म 60 जमा कराने का भी निर्देश दिया गया है।
वित्त मंत्रालय ने बैंकों तथा डाकघरों से कहा है कि जिन बचत खातों में 09 नवंबर से 30 दिसंबर के दौरान किसी एक दिन 50 हजार रुपये से ज्यादा जमा कराये गये हैं या पूरी अवधि के दौरान ढाई लाख रुपये या इससे ज्यादा जमा कराये गये हैं उसकी जानकारी 15 जनवरी तक दी जाये। इसके अलावा यदि किसी चालू खाते में इस अवधि के दौरान 12ण्50 लाख रुपये या इससे ज्यादा जमा कराये गये हैं तो उसकी भी रिपोर्ट देने को कहा गया है। इसमें को.ऑपरेटिव बैंकों में जमा करायी गयी राशि भी शामिल है।
मंत्रालय ने कहा है कि यदि एक ही व्यक्ति ने विभिन्न खातों में पैसे जमा कराये हैं और उसका कुल योग निर्धारित सीमा से ज्यादा है तो उसकी भी रिपोर्ट आयकर विभाग को सौंपी जाये।
खास बात यह है कि सरकार ने ऐसे खातों का चालू वित्त वर्ष का नोटबंदी से पहले का रिकॉर्ड भी माँगा है। बैंकों से इन खातों के बारे में चार जानकारी माँगी गयी है। इनमें खाते में जमा करायी गयी कुल राशिए निकाली गयी कुल राशिए 01 अप्रैल 2016 से 08 नवंबर 2016 के बीच जमा करायी गयी राशि तथा 09 नवंबर से 30 दिसंबर के बाद जमा करायी गयी राशि का विवरण माँगा गया है।
सरकार ने इसके लिए आयकर कानूनए 1962 की संबंधित धारों में जरूरी संशोधनों के लिए शुक्रवार को अधिसूचना जारी की थी।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने 08 नवंबर की आधी रात से पाँच सौ रुपये तथा एक हजार रुपये के पुराने नोटों को अवैध घोषित कर दिया था। उस समय उसने कहा था कि यदि किसी भी खाते में ढाई लाख रुपये से ज्यादा जमा कराये जाते हैं तो उसकी जाँच होगी।