बीएचयू के पुरातन छात्रों के सहयोग से आभा अतिथि गृह का कुलपति ने किया उद्घाटन
वाराणसी, काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में पुरातन छात्रों के योगदान से निर्मित पहले अतिथि गृह का उद्घाटन कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने रविवार को किया।
कृषि विज्ञान संस्थान के पूर्व विद्यार्थियों की संस्था ‘आभा’ से जुड़े लगभग 4,000 पुरातन विद्यार्थियों के आर्थिक सहयोग से यह अतिथि गृह निर्मित हुआ है। यह अतिथि गृह लगभग 1,000 वर्ग मीटर में फैला है। 17 कमरों और भोजन कक्ष के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित यह अतिथि गृह भवन निर्मित हुआ है।
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. चतुर्वेदी ने कहा, “यह बीएचयू के इतिहास का एक मील का पत्थर है। इतने लोगों ने मिलकर इस पहल को शुरू किया, उसे बनाए रखा और आज साकार किया। यह वास्तव में प्रेरणादायक है।” आभा की टीम को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि टीम ने यह दिखा दिया है कि यदि सब एक साथ और ईमानदारी से कार्य करें, तो असंभव भी संभव हो सकता है।
प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि बीएचयू ने यह दिखाया है कि दान और पूर्व विद्यार्थियों के सहयोग से शैक्षणिक संस्थान कैसे आत्मनिर्भर बन सकते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि महामना मालवीय जी ने यह उदाहरण प्रस्तुत किया कि मानवीय प्रयास और भावना से चमत्कार किए जा सकते हैं। आभा अतिथि गृह के बारे में प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि यह योगदान का एक नया स्वरूप है, जो पहली पीढ़ी के सफल पुरातन विद्यार्थियों से उनके संस्थान को प्राप्त हो रहा है।
आभा के सचिव प्रो. एस. के. सिंह ने बताया कि आभा एक पंजीकृत संस्था है, जिसकी स्था





