मुंबई, राजग सहयोगी शिवसेना ने बुलेट ट्रेन परियोजना की आलोचना करते हुए आज कहा कि परियोजना आम आदमी का नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में छपे एक संपादकीय में यह जानना चाहा कि क्या उच्च गति वाली अहमदाबाद-मुंबई ट्रेन परियोजना की वास्तव में देश को आवश्यकता है? यह आलोचना ऐसे समय में की गई है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे ने अहमदाबाद में भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए आधारशिला रखी है।
शिवसेना ने कहा, ‘‘हमें बिना मांगे बुलेट ट्रेन मिल रही है। हमें वास्तव में नहीं पता कि इस परियोजना से कौन की समस्या सुलझेगी।’’ उन्होंने कहा, पंडित नेहरू ने भाखड़ा नंगल से लेकर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र तक कई परियोजनाओं की नींव रखी ताकि देश तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ सके। देश के लिए इन सभी परियोजनाओं की आवश्यकता थी। क्या यह बुलेट ट्रेन राष्ट्रीय जरूरतों में फिट बैठती है?’’ संपादकीय में कहा गया है कि 1,08,000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना के लिए कम से कम 30,000 करोड़ रुपए महाराष्ट्र सरकार से लिए जाएंगे।
शिवसेना ने कहा, ‘‘किसानों के रिण माफ करने की मांग कई वर्षों से की जा रही है। बुलेट ट्रेन की मांग किसी ने नहीं की। मोदी का सपना आम आदमी का सपना नहीं है, बल्कि यह अमीरों एवं उद्योगपतियों का सपना है।’’ संपादकीय में कहा गया है कि जो लोग यह कह रहे हैं कि यह परियोजना रोजगार पैदा करेगी, वे झूठ बोल रहे हैं क्योंकि मशीनरी से लेकर श्रमिकों तक परियोजना के लिए आवश्यक हर चीज जापान लेकर आएगा।
अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलने वाली उच्च गति वाली इस ट्रेन परियोजना के वर्ष 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। ऐसी उम्मीद है कि यह ट्रेन मौजूदा छह घंटे की यात्रा को तीन घंटे से भी कम समय में पूरा करेगी।
बुलेट ट्रेन के 508 किलोमीटर के इस मार्ग में 12 स्टेशन होंगे जिनमें से महाराष्ट्र में 120 किलोमीटर के मार्ग में चार स्टेशन पड़ेंगे। इस महत्वाकांक्षीय परियोजना के लिए जापान ने रियायती रिण दिया है।
महाराष्ट्र सरकार ने प्रस्तावित बुलेट ट्रेन के एक स्टेशन के लिए यहां बांद्रा-कुर्ला परिसर में निश्चित शर्तों के साथ 0.9 हेक्टेयर की भूमि आवंटित करने पर सहमति जताई है।