टोक्यो/नई दिल्ली, बेहिसाब संपत्ति रखने वाले लोगों को चेतावनी देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्हें इस पर अब तक का हिसाब देना होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जापान में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि नोट बंद किये जाने को गुप्त रखना जरूरी था। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा , मैं देश आजाद हुआ तब से लेकर आज तक का हिसाब पूछने वाला हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने पिछले ढाई सालों में कई सरकारी स्कीमों के माध्यम से लोगों को अपनी संपत्ति सार्वजनिक करने को कहा था लेकिन अब उन लोगों (जिन्होंने कर चोरी की है) को इसकी समस्या आने वाली है। उन्होंने कहा, जो लोग मुझे जानते हैं वे अब सोचने लगे हैं कि गंगा जी में जाना अच्छा है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना कुछ दिनों में ही तैयार नहीं हुई इसमें सरकार ने काफी मेहनत की है। उन्होंने कहा, ऐसा नहीं है कि हमने रातों रात किया है हमने पहले एक स्कीम बनाई । पिछले दो सालों में जो अलग-अलग तरह के प्रयास किए उससे करीब सवा लाख करोड़ रुपए वापस आया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने लोगों को इस बारे में चेतावनी पहले ही दे दी थी और अब भी लोगों को 31 दिसंबर का समय दिया गया है लेकिन इसके बाद समय नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मौका , तो दिया था लेकिन अगर आप नहीं समझे तो यह गलती मेरी नहीं है और आप लोगों के पास 31 दिसंबर तक का समय है। बिना तकलीफ के काम हो जाएगा। कुछ लोग सोचते होंगे 31 दिसंबर के बाद कुछ हो जाएगा, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है इसके बाद कोई अवसर आप को दिया जाएगा। उन्होंने लोगों में विश्वास जगाते हुए कहा कि ईमानदार लोगों को चिंता करने की जरुरत नहीं है।
उन्होंने कहा, देश को मैं फिर एक बार फिर कह रहा हूं ईमानदार लोगों की रक्षा करने के लिए सरकार सब कुछ करेगी और बेईमानों को तो हिसाब चुकता ही करना पड़ेगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री कटाक्ष करते हुए कहा कि लोग अपना धन छुपाने के लिए अपने वृद्ध माता पिता के खातों में पैसा जमा करा रहे हैं। उन्होंने कहा, कई बेटे और बहुएं जिन्होंने मां को वृद्धा आश्रम में छोड़ दिया अब उनके अकाउंट में वो 2.5 लाख रुपये जमा करा रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री ने इससे पहले देशवासियों का 500 और 1000 के नोट बंद किए जाने के फैसले को सहज स्वीकार कर लेने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वह देशवासियों को नमन करते हैं।