भगोड़ों के मुद्दे पर भारत, ब्रिटेन के बीच बढ़ा है सहयोग-भारतीय राजदूत
October 28, 2018
लंदन, ब्रिटेन में भारत के निवर्तमान उच्चायुक्त वाई के सिन्हा का मानना है कि वह अपना कार्यकाल ऐसे समय में समाप्त कर रहे हैं जब भारतीय कानून प्रणाली से भाग कर ब्रिटेन में शरण मांगने वाले भगोड़ों जैसे विवादित मुद्दों पर दोनों देशों की सरकारों के बीच पहले से अधिक सहयोग बढ़ा है।
इस महीने 37 साल के बाद भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) से सेवानिवृत्त हो रहे वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि यह उन क्षेत्रों में से एक है जिनमें यह सुनिश्चित करने की दिशा में बेहद सुधार हुआ है कि लोग भारत में न्याय से बचने के लिए ब्रिटेन में मिलने वाली स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करें।
उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, “न्याय से भागने वाले भगोड़ों जैसे मुद्दों पर मेरा मानना है कि हमारी स्थिति सराहनीय रही है और निश्चित तौर पर हमारी एजेंसियों एवं सरकारों के बीच पहले से अधिक सहयोग देखने को मिला है जो यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही हैं कि लोग भारत में कानून से बच निकलने के लिए स्वतंत्रता एवं कानून प्रणाली का दुरुपयोग न करें।”
भगोड़ों के कुछ हाई प्रोफाइल मामले लंदन में भारतीय उच्चायोग में उनके 23 महीने के कार्यकाल के दौरान ही सामने आए। इनमें शराब कारोबारी विजय माल्या की प्रत्यर्पण संबंधी सुनवाई भी है जिस पर करीब 9,000 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े और धन शोधन के आरोप हैं।
उन्होंने आतंकवाद जैसे मुद्दे पर भी करीबी सहयोग की बात की।
लंदन, ब्रिटेन में भारत के निवर्तमान उच्चायुक्त वाई के सिन्हा का मानना है कि वह अपना कार्यकाल ऐसे समय में समाप्त कर रहे हैं जब भारतीय कानून प्रणाली से भाग कर ब्रिटेन में शरण मांगने वाले भगोड़ों जैसे विवादित मुद्दों पर दोनों देशों की सरकारों के बीच पहले से अधिक सहयोग बढ़ा है।
इस महीने 37 साल के बाद भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) से सेवानिवृत्त हो रहे वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि यह उन क्षेत्रों में से एक है जिनमें यह सुनिश्चित करने की दिशा में बेहद सुधार हुआ है कि लोग भारत में न्याय से बचने के लिए ब्रिटेन में मिलने वाली स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करें।
उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, “न्याय से भागने वाले भगोड़ों जैसे मुद्दों पर मेरा मानना है कि हमारी स्थिति सराहनीय रही है और निश्चित तौर पर हमारी एजेंसियों एवं सरकारों के बीच पहले से अधिक सहयोग देखने को मिला है जो यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही हैं कि लोग भारत में कानून से बच निकलने के लिए स्वतंत्रता एवं कानून प्रणाली का दुरुपयोग न करें।”
भगोड़ों के कुछ हाई प्रोफाइल मामले लंदन में भारतीय उच्चायोग में उनके 23 महीने के कार्यकाल के दौरान ही सामने आए। इनमें शराब कारोबारी विजय माल्या की प्रत्यर्पण संबंधी सुनवाई भी है जिस पर करीब 9,000 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े और धन शोधन के आरोप हैं।
उन्होंने आतंकवाद जैसे मुद्दे पर भी करीबी सहयोग की बात की।