जयपुर, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा विद्युत दरों में एक बार फिर अप्रत्याशित वृद्धि किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसे कमरतोड़ महंगाई के दौर में सरकार की लापरवाही के कारण हो रही विद्युत चोरी व छीजत से बढ़ रहे घाटे की भरपाई के लिए उठाया गया कदम बताया है। पायलट ने कहा कि सरकार द्वारा गत वर्ष फरवरी माह में विद्युत दरों में 17 से 24 प्रतिशत की वृद्धि कर हर श्रेणी के उपभोक्ता पर भार डाला गया था और अब पुन विद्युत दरों में औसत 9.6 प्रतिशत की वृद्धि कर बढ़ती महंगाई के दौर में आम जनता की कमर तोडने का काम किया है जिससे घरेलू उपभोक्ताओं पर 11 से 12 प्रतिशत तक का अतिरिक्त भार पडेगा। उन्होंने कहा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सुचारू रूप से विद्युत आपूर्ति करने में विफल रही वाली भाजपा सरकार ने विद्युत चोरी व छीजत रोकने के स्थान पर पुन विद्युत दरों को बढ़ाकर जनविरोधी कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने घाटे को पाटने के उद्देश्य से विद्युत दरों में वृद्घि की है। इससे आगामी बजट आने से पूर्व ही सरकार को 1600 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हो जायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा की गई उक्त वृद्घि एक सितम्बर से लागू होगी। सरकार ने पहले से ही जनता पर अनेक कर, उपकर व सेस लगाकर सब कुछ को महंगा कर रखा है, जबकि भाजपा सरकार ने चुनावों के दौरान महंगाई कम करने का वादा किया था। कांगे्रस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने कुछ समय पहले ही पानी की दरों में भी अप्रत्याशित वृद्धि की गई थी जबकि सरकार पानी की सुचारू आपूर्ति में पूरी तरह से विफल है। उन्होंने कहा कि गत समय में विद्युत नियामक आयोग के समक्ष कांग्रेस सहित विभिन्न संस्थाओं ने सरकार के विद्युत तंत्र की नाकामी पर सुझाव दिए थे। जिससे प्रमाणित हुआ था कि सरकार अपने वित्तीय कुप्रबन्धन का भार आमजनता पर डाल रही है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि बढ़ी हुई विद्युत दरों को वापस लेकर जनता को राहत देनी चाहिए।