नई दिल्ली, कैलाश मानसरोवर यात्रा को चीन द्वारा रोके जाने पर विश्व हिंदू परिषद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। संगठन का कहना है कि नाथू ला बोर्डर से होकर जाने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा को चीन ने रोक दिया है, इसलिए हमें भी चीन की वस्तुओं का बहिष्कार करना चाहिए। विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन ने यहां एक प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा, अभी तक लगता था कि कैलाश मानसरोवर यात्रा का मुख्य कारण प्राकृतिक विपदा रही होगी, लेकिन चीनी अधिकारियों द्वारा किए गए पत्र व्यवहार तथा जारी बयानों से अब यह स्पष्ट हो गया है कि इस महत्वपूर्ण यात्रा को रोकने का एक मात्र कारण चीन की क्षेत्रीय विस्तार की अमिट भूख व दादागीरी ही है।
उन्होंने कहा कि विहिप चीन की इस दादागीरी की कठोर शब्दों में भर्त्सना करते हुए देश की जनता से चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की अपील करती है। साथ ही भारत सरकार से अनुरोध करती है कि वह चीन के सामने इस मामले को गंभीरता से उठाए। जैन ने कहा कि तिब्बत पर अबैध कब्जा जमाने के बाद ड्रैगन की भूख और बढ़ गई है, इसलिए उसने न सिर्फ भारत के अरुणाचल प्रदेश समेत कई क्षेत्रों पर दावा कर रखा है, बल्कि उन क्षेत्रों के विकास में टांग भी अड़ाता रहता है।
वह इन क्षेत्रों को विकसित होते नहीं देखना चाहता। विहिप के अंतर्राष्ट्रीय नेता ने कहा कि भूपेन हजारिका पुल बनाने के बाद तो चीन बुरी तरह बौखला गया है। सिक्किम में दो भारतीय बंकर तोड़ना इसी बौखलाहट का प्रतीक है। डॉ. जैन ने कहा कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर रोक लगाकर चीन ने सभी सीमाएं लांघ दी हैं। उसने अब यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत सिक्किम के कुछ स्थानों पर उसका अधिकार स्वीकार करे, वरना वह इस यात्रा को शुरू नहीं होने देगा।