नयी दिल्ली, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है लेकिन यदि कोई दुश्मनी का भाव रखते हुए गलत नजरों से देखता है तो भारतीय सेना उसका मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।
राजनाथ सिंह ने 77 वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को आकाशवाणी के माध्यम से सशस्त्र सेनाओं के जवानों को संबोधित करते हुए कहा ,“ एक राष्ट्र के रूप में हमारे प्राचीन सिद्धांत पूरी दुनिया को यह संदेश देते हैं, कि भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है। हम न सिर्फ शांति चाहते हैं, बल्कि अपने कार्यों से शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी जाहिर करते हैं। लेकिन साथ ही साथ हम इस बारे में भी बिल्कुल स्पष्ट हैं, कि यदि कोई गलत मंशा से, या दुश्मनी का भाव लिए हमारी ओर देखने की भी जुर्रत करता है, तो हमारी सेनाएँ उसका मुंहतोड़ जवाब देंगी।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस मामले में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी। सशस्त्र सेनाओं को नई चुनौतियों से निपटने के लिए अधिक सशक्त, और क्षमतावान बनाने की जरूरत है इसलिए सरकार शुरू से ही सेनाओं को विश्वस्तरीय उपकरणों, हथियारों तथा प्रशिक्षण से लैस करने में लगी है। इससे युद्ध में होने वाले नुकसानों को कम करने में तो मदद मिलती ही है, साथ ही इनसे सैनिकों का मनोबल भी बहुत ऊँचा होता है।
राजनाथ सिंह ने सशस्त्र सेनाओं और उनके परिजनों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी और कहा कि देश निश्चिंत होकर यह उत्सव इसलिए मना पा रहा है, क्योंकि देश जानता है, कि सीमाओं पर खड़े जवान देश की सुरक्षा कर रहे हैं। इस स्वतंत्रता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए जो सर्वोच्च बलिदान सैनिकों ने दिया है, उसके लिए राष्ट्र सदैव आपका ऋणी रहेगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि अब सशस्त्र सेनाओं का प्रशिक्षण सिमुलेटर और अन्य आधुनिक तकनीकों से हो रहा है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय अभ्यासों में भागीदारी के साथ, ट्रेनिंग में लगातार सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा, “ इसके अतिरिक्त सरकार ने आपके और आपके परिजनों की शिक्षा, स्वास्थ्य, और उनके आवास के संदर्भ में भी पिछले कुछ वर्षों में अनेक कल्याणकारी कदम उठाए हैं। न केवल सेवा के दौरान ही, बल्कि सेवा के बाद भी हमारे सैनिकों का गरिमामय जीवन सुनिश्चित हो सके, इस पर भी हमारी सरकार ने विशेष ध्यान दिया है। जो लोग अपना सर्वस्व दाँव पर लगाकर हमारी परवाह करते हैं; उनकी, और उनके परिजनों की परवाह करना हमारा सबसे बड़ा धर्म है, और इसका निर्वहन सरकार भलीभाँति कर रही है।”
सेनाओं में महिलाओं की बढती भागीदारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,“आगे की कुछ बातें मैं अपनी सैनिक बहनों को एड्रेस करते हुए कहना चाहूँगा। साथियों, कारगिल में जब फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना और फ्लाइट लेफ्टिनेंट श्रीविद्या राजन दुश्मनों के खिलाफ अद्भुत साहस का परिचय दे रही थीं, तो उनके शौर्य ने यह संदेश दिया, कि जब बात देश की सीमाओं की सुरक्षा की आती है, तो इस देश की बेटियाँ भी किसी से कम नहीं हैं।”
उन्होंने कहा कि देश की इन बेटियों को भी समान अवसर देने की प्रतिबद्धता के रूप में द्वारा लालकिले की प्राचीर से 15 अगस्त, 2018 को अहम घोषणा करने के पश्चात, सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों के स्थायी कमीशन को सुनिश्चित करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने कई कदम उठाए हैं। एक ओर भारतीय वायु सेना में फाइटर पायलट सहित सभी शाखाएँ अब महिला अधिकारियों के लिए खुली हैं। महिला अधिकारियों को पुरुष अधिकारियों के समान ही, नौसेना आयुध शाखा में स्थायी कमीशन प्रदान करने के लिए पात्र बनाया गया है।
सशस्त्र बलों में महिला सशक्तिकरण के लिए हाल के वर्षों में कई ठोस कदम उठाये गए हैं। भारतीय सेना ने इस वर्ष पहली बार पांच महिला अधिकारियों को आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल किया है। आर्टिलरी रेजिमेंट में महिला अधिकारियों की कमीशनिंग, भारतीय सेना में लिंग समानता की दिशा में सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों का बड़ा प्रमाण है। देश की प्रतिभाशाली बेटियों को सैनिक स्कूल में दाखिले के लिए हमारी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाया है । इस निर्णय के बाद आज देश के अनेक सैनिक स्कूलों में, 1,600 से ज्यादा बालिकाएँ शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। इस महत्वपूर्ण कदम से राष्ट्र की रक्षा में बहादुर बेटियों की भागीदारी और भी बढ़ेगी।