लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार का उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग राज्य में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने तथा वैज्ञानिक ढंग से मौनपालन किये जाने के लिये इच्छुक व्यक्तियों को 16 सितंबर से तीन माह का प्रशिक्षण देगी।
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के निदेशक आरके तोमर ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि विभाग द्वारा सहारनपुर एवं बस्ती में संचालित औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र और प्रयागराज स्थित अधीक्षक राजकीय उद्यान में आगामी 16 सितंबर से 15 दिसंबर तक 03 माह का प्रशिक्षण सत्र आरंभ किया जायेगा। तोमर ने बताया कि यह प्रशिक्षण विभाग द्वारा निःशुल्क प्रदान किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण में भाग लेने वाले इच्छुक व्यक्तियों को इन तीन केन्द्रों में अपनी सुविधानुसार संपर्क कर प्रशिक्षण लेने हेतु आवेदन करना होगा। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण में पुरूष एवं महिलायें, सभी वर्ग के अभ्यर्थी प्रतिभाग कर सकते है। इसके लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता केक तहत कक्षा आठ उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
तोमर ने कहा कि आवेदक को आवेदन पत्र के साथ दो संभ्रान्त व्यक्तियों या राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रदत्त चरित्र प्रमाण-पत्र देना आवश्यक है। प्रशिक्षण में भाग लेने वाले प्रशिक्षार्थियों को ठहरने एवं खाने आदि की व्यवस्था स्वयं करनी होगी।
उन्होंने मधुमक्खी पालन के महत्व के बारे में बताया कि मधुमक्खी पालन अनुपूरक कृषि उद्यम के रूप में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने कहा कि मधुमक्खियां प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से किसानों के दैनिक जीवन से लेकर उनकी आर्थिक आय बढ़ाने में सहायक है।
तोमर ने बताया कि मधुमक्खियों से शहद उत्पादन के साथ-साथ फसलों में घर-परागण से पौधों की जीवितता एवं उत्पादन में वृद्धि होती है तथा पर्यावरण संतुलन में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है। किसानों की आय में वृद्धि के लिए कृषि के साथ-साथ अन्य ऐसे अनुपूरक व्यवसाय अपनाये जाने की आवश्यकता है, जिसमे कम भूमि एवं कम पूंजी की जरूरत हो। मधुमक्खी पालन को अनुपूरक कृषि उद्यम के रूप में अपनाकर कम पूंजी व कम समय में अधिक आय प्राप्त की जा सकती है।