नई दिल्ली, देश के मशहूर शायर एवं कवि पद्मश्री और पूर्व सांसद बेकल उत्साही नही रहे। 92 साल की उम्र में उन्होंने शनिवार भोर 4.19 बजे दिल्ली के डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
मोहम्मद शफी खां उर्फ बेकल उत्साही का जन्म उतरौला तहसील के रमवापुर गौर गांव में जमींदार जाफर खां के घर हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा बलरामपुर में हुई थी। बेकल उत्साही को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का करीबी माना जाता था। मोहम्मद शफी खां को बेकल उत्साही का नाम 1952 में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने दिया था।
सन 1976 में बेकल उत्साही को साहित्य में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। 1986 में वह कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य मनोनीत हुए। 2015 में राज्य सरकार ने उन्हें यश भारती से नवाजा था। बेकल उत्साही कई अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में भाग ले चुके हैं। उन्हें हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता था।