इलाहाबाद, पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) के पिता व प्रतापगढ़ भदरी रियासत के राजा उदय प्रताप सिंह ‘भैया’ का अरबों का खजाना 14 साल बाद उन्हें वापस मिला है। ये खजाना 2003 में यूपी की मायावती सरकार में जब्त कर लिया गया था।
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2003 में, राजा भैया और मायावती में छत्तीस का आंकड़ा था। राजा भैया के खिलाफ तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने सख्त कार्यवाही की थी। 26 जनवरी 2003 को राजा भैया के भदरी स्थित राजमहल से पुलिस ने छापेमारी की और अरबों का खजाना बरामद किया।4 बड़े बक्सों में हीरा-पन्ना-मोती और सोने से भरे आभूषण का ये खजाना जब्त कर लिया गया । संपत्ति बरामद करने के बाद उसे जिला कोषागार के डबल लॉक में जमा करा दिया गया था।जिसके बाद राजा भैया पर पोटा आदि की धाराएं लगी और राजा भैया समेत कई लोग जेल चले गए।
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राजमहल में हुई कार्रवाई के बाद हड़कंप मच गया था। पूरे देश भर के राजघरानों ने इस पर अपना विरोध भी दर्ज कराया था लेकिन सरकार ने कार्रवाई के बाद इस मामले में मुकदमा भी शुरू कर दिया। 2012 के विधान सभा चुनाव मे बसपा हारी और सपा की सरकार बनी। राजा भैया रिकॉर्ड मतों के साथ निर्दलीय विधायक भी चुने गये।राजा भैया ने सपा सरकार को अपना समर्थन दिया और मंत्री बने।
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उसी समय, सपा सरकार ने राजा भैया और उनके पिता राजा उदय प्रताप सिंह के खिलाफ लगे पोटा को हटा लिया। तत्कालीन डीएम आरएस वर्मा ने इस मामले में चल रहे मुकदमे की सुनवाई फुल स्पीड में शुरू की और मुकदमे का भी निपटारा कर दिया। जिलाधिकारी ने राजा उदय प्रताप सिंह की संपत्ति को रिलीज करने का आदेश दिया, लेकिन मामला अरबों रुपए का था। ऐसे में इस मामले को लेकर राजा भैया के खिलाफ आयकर विभाग की टीम जांच में जुट गई। अब जाकर आयकर विभाग ने हरी झंडी दी है तो राजा भैया का राज खजाना एक बार फिर से उन्हें सौंप दिया गया है।
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