लखनऊ, केन्द्रीय रक्षा मंत्री एवं लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने प्रदेश की राजधानी में सड़क और परिवहन सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं के विकास का काम तेजी से होने पर खुशी का इजहार करते हुए कहा कि ‘इंफ्रास्ट्रक्चर’ के मामले में लखनऊ सबसे आगे होगा।
राजनाथ सिंह ने तीन दिन की लखनऊ यात्रा के दूसरे दिन शनिवार को शहर में 185 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली 158 योजनाओं का लोकार्पण और शिलांयास करते हुए कहा कि आज बहुत सारी योजनाओं का लोकार्पण हुआ। कई योजनाओं का शिलान्यास भी हुआ है। उन्होंने कहा कि नगर विकास विभाग एवं लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मंत्री एवं अधिकारियों ने पूरी लगन से कार्य किया है। इसके फलस्वरूप इस योजनाओं का समय से लोकार्पण एवं शिलान्यास हो पाया है।
उन्होंने मौजूदा सरकार के कामों की बदौलत हालात में आये बदलाव का जिक्र करते हुए कहा कि पहले लखनऊ की सड़कें बहुत खराब थीं। सिंह ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे उस समय शहर में शहीद पथ बनाया गया था। इसके बाद पांच साल पहले तक समय की मांग के मुताबिक काम नहीं हो पाये इसलिये लखनऊ में यातायात जाम की समस्या बढ़ती गयी।
राजनाथ सिंह ने कहा कि इस समय लखनऊ में 06 फ्लाईओवर का निर्माण हो चुका है। लखनऊ में रिंग रोड तैयार हो रहा है। उन्होंने कहा कि अब स्थिति में काफी सुधार हुआ है और वह कह सकते हैं कि सड़क एवं परिवहन सहित अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर यानि ढांचागत सुविधाओं के मामले में लखनऊ सबसे आगे होगा।
उन्होंने कहा कि रेलवे और एयरपोर्ट को लेकर भी लखनऊ में लगातार काम चल रहा है। राजनाथ सिंह ने कहा कि लखनऊ से लॉस एंजिल्स एवं लंदन की भी सीधी उड़ान होनी चाहिये। रक्षा मंत्री ने विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा कि आज संचार के क्षेत्र में 5-जी पर भी काम चल रहा है। पहले 4-जी या 5-जी की बात करने पर कांग्रेस के घोटाले याद आते थे, लेकिन आज कोई घोटाला करने की नहीं सोच सकता है। आज आर्थिक तौर पर भारत मजबूत हुआ है।
उन्होंने केन्द्र में मोदी सरकार के कामों की भी सराहना करते हुए कहा कि आज जब भारत बोलता है, तो दुनिया कान खोलकर सुनती है। उन्होंने कहा कि जल्द ही संसार की तीन सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देशों में भारत भी शामिल होगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत, दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में है। आज भारत आत्मनिर्भर बनना चाहता है। अब भारत कमजोर देश नहीं, बल्कि ताकतवर देश बन चुका है। यह देश के नेतृत्व की कुशलता का ही परिणाम है। जिसकी वजह से काेरोना जैसी महामारी के बाद भी देश को संकट से उबारा जा सका।