नई दिल्ली, यूएई के मिलिटरी पैराट्रूपर्स इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में अपने करतब नहीं दिखा पाएंगे क्योंकि भारत ने उनके प्रस्ताव को इजाजत नहीं दी है। सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा कारणों की वजह से यह फैसला लिया गया है। भारतीय पक्ष का यह भी कहना है कि मौसम की वजह से भी इस योजना में खलल पड़ सकती थी। बता दें कि अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान इस बार रिपब्लिक डे परेड के मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे।
क्राउन प्रिंस यूएई आर्म्ड फोर्सेज के डिप्टी सुप्रीम कमांडर भी हैं। भारत ने भले ही यूएई के पैराट्रूपर्स को राजपथ पर अपना हुनर दिखाने की इजाजत न दी हो, लेकिन इस बात की दरख्वास्त की है कि वह परेड में मार्च करने के लिए सैनिक दल और मिलिटरी बैंड भेजे। अगर भारत का निमंत्रण कबूल कर लिया जाता है तो ऐसा दूसरी बार होगा, जब किसी विदेशी सैन्य दल को भारत के सालाना रिपब्लिक डे परेड में शिरकत करने का मौका मिलेगा। इससे पहले फ्रांस की सैन्य टुकड़ी भी 2016 में राजपथ पर परेड में शामिल हो चुकी है।
तब फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद मुख्य अतिथि थे। भारत बीते कुछ वक्त से यूएई के साथ सैन्य सहयोग मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है। यूएई पारंपरिक तौर पर पाकिस्तान का नजदीकी मुल्क रहा है। 2015 में मोदी के दौरे के बाद से रक्षा क्षेत्र से जुड़े कई भारतीय प्रतिनिधिमंडल भी वहां गए और सहयोग बढ़ाने के नए रास्ते ढूंढने की दिशा में काम किया। भारत डिफेंस क्षेत्र में एक्सपोर्ट के नजरिए से भी यूएई को एक मजबूत विकल्प के तौर पर देखता है।