लखनऊ, यूपी के शहरी निकायों के चुनाव संभवत: जून 2017 मे होने हैं। मात्र एक महीना ही बचा है। एेसे मे बीजेपी को तलाश है, चुनाव मे अपनी जीत बरकरार रखने के लिये, एक हिट फार्मूले की।
यूपी मे अबकी बार नगर निगमों की संख्या 12 से बढ़कर 14 हो गयी है। साथ ही नगर निकाय अध्यक्षों की संख्या 640 है। लगभग 11500 पार्षद भी चुने जानें हैं। एेसे मे शहरी निकाय के यह चुनाव हर दल के लिये महत्वपूर्ण हैं। वर्तमान मे, यूपी के 12 नगर निगमों में बीजेपी का ही दबदबा है। पिछली बार कुल 12 नगर निगमों में से 10 मेयर बीजेपी के ही जीतें हैं। वहीं नगर निगमों में भी भारी संख्या मे पार्षद बीजेपी के हैं।
सूत्रों के अनुसार, शहरी निकाय चुनाव मे अपनी जीत बरकरार रखने के लिये, बीजेपी ने विशेष रणनीति बनायी है। सबसे पहले, ऐसे पार्षदों की लिस्ट भी तैयार की जा रही है जिनसे क्षेत्र की जनता नाखुश है। उन पार्षदों के नामों को भी चिन्हित किया जा रहा है जो जनता मे तो लोकप्रिय हैं लेकिन पार्टी के अंदर ही कार्यकर्ता उनका विरोध कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, उन पुराने पार्षदों को टिकट दिया भी जा सकता है, जिनका क्षेत्र में बहुत अच्छा काम है। लेकिन जहां पार्षद का काम अच्छा नहीं है, जनता परेशान है, वहां नए चेहरे भी तलाशे जाएंगे।प्रत्याशियों की लिस्ट नामांकन शुरू होने के बाद अंतिम दौर में ही तय की जाएगी। इसकी वजह टिकट वितरण से होने वाला विरोध चुनावी तैयारियों पर ज्यादा असर न डाल सके।
अभी तक बीजेपी जीते हुए पार्षदों पर दांव लगाती आई है। इसके बावजूद पार्टी अब नए चेहरों को लाने की तैयारी में है। लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि किसी भी नए फॉर्म्युले को अपनाने से पहले दिल्ली चुनाव के नतीजों का भी आकलन किया जाएगा।