लखनऊ, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व में तम्बाकू जनित मृत्यु दर में बढ़ोतरी हो गई है। पहले 60 लाख लोग हर साल तम्बाकू के कारण मृत होते थे पर अब 70 लाख से अधिक लोग हर साल तम्बाकू जनित कारणों से मृत होते हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश 49 प्रतिशत पुरुष और 17 प्रतिशत महिलाएं किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करती हैं।
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धूम्रपान (सिगरेट, बीड़ी) करने वाली महिलाओं की तुलना में तीन गुना अधिक महिलाएं चबाने वाली तंबाकू (जैसे कि गुटखा) का सेवन करती हैं। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय सेवानिवृत्त सर्जन प्रोफेसर (डॉ) रमाकान्त ने बताया कि न सिर्फ तम्बाकू जनित मृत्यु दर में बढ़ोतरी हो गयी है बल्कि परोक्ष धूम्रपान से होने वाली सालाना मृत्यु में भी बढ़ोतरी हो गयी है।
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पहले छह लाख लोग हर साल विश्व में परोक्ष धूम्रपान से मृत होते थे पर अब यह मृत्यु दर बढ़ कर 8.9 लाख सालाना हो गया है। सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान प्रतिबन्ध को सख्ती से लागू करना अत्यंत आवश्यक है जिससे कि कोई भी परोक्ष धूम्रपान से न रोग-ग्रस्त हो और न ही मृत हो।
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राहुल द्विवेदी ने कहा कि यदि तम्बाकू जनित मृत्यु और रोग दर को कम करना है तो यह अत्यंत आवश्यक है कि हर तम्बाकू व्यसनी को बिना विलम्ब प्रभावकारी तम्बाकू नशा उन्मूलन सेवा मिले, जिससे कि जानलेवा तम्बाकू जनित रोगों और मृत्यु दर में गिरावट आये।