लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि कोरोना को मात देने में अन्य राज्यों को यूपी माडल से मदद मिली ।
उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर में एक ओर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया तो वहीं दूसरी ओर औद्योगिक गतिविधियों के पहिए को थमने नहीं दिया। ट्रिपल टी रणनीति, टीम वर्क और सधी नीति का परिणाम है कि 24 करोड़ की आबादी वाले यूपी में कोरोना संक्रमण आज पूरी तौर पर नियंत्रित है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर द्वारा प्रकाशित पुस्तक “कोविड संग्राम, यूपी मॉडल: नीति, युक्ति, परिणाम” के विमाेचन के अवसर पर श्री योगी ने सोमवार को कहा कि यूपी के लिए यह गौरवान्वित करने वाली बात है कि पहली लहर में जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय और दूसरी लहर में कानपुर आईआईटी द्वारा किए गए अध्ययन में यूपी का कोरोना प्रबंधन अव्वल साबित हुआ है। आईआईटी के अध्ययन में कानपुर, बीएचयू, प्रयागराज और लखनऊ के विशेषज्ञ जुड़े हैं। मेरा मानना है कि इस पुस्तक की एक-एक प्रति दूसरे प्रदेशों के स्वास्थ्य विभागों में पहुंचे जिससे यूपी का मॉडल देश के दूसरे प्रदेशों में कोरोना प्रबंधन करने में राहत दे सके यह प्रदेश के लिए एक बड़ी सफलता होगी।
सीएम ने कहा कि सर्वाधिक आबादी वाले प्रदेश के सामने कोरोना काल में कई चुनौतियां थीं जिसका सामना डट कर किया। कोरोना ने जब यूपी में दस्तक दी तो हमारे पास पर्याप्त संसाधन नहीं थे। लैब न होने के कारण सैंपल को पुणे और दिल्ली भेजना पड़ता था। 23 मार्च 2020 को प्रदेश की राजधानी लखनऊ के केजीएमयू में महज 72 टेस्ट करने की क्षमता थी पर आज प्रदेश रोजाना 04 लाख टेस्ट करने की क्षमता से लैस हो चुका है।
कोरोना की पहली व दूसरी लहर में टीम 11 व टीम 9 का गठन, स्कील मैपिंग, निगरानी समितियों का गठन, सर्विलांस कार्यक्रम, डोर टू डोर स्क्रीनिंग, मेडिकल किट का वितरण, हेल्प डेस्क, कोविड कमांड सेंटर के साथ ही संभावित तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए जून 2021 में ही एक्स्पर्ट कमेटी का गठन कर मेडिकल किट का वितरण और पीकू-नीकू की स्थापना का कार्य भी तेजी से किया। टेस्ट की क्षमता को बढ़ाने के साथ तेजी से टीकाकरण यूपी में हो इस पर जोर दिया गया। जिसका परिणाम है कि यूपी पहला ऐसा राज्य है जहां साढ़े 11 करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण और सैम्पल की जांच भी 08 करोड़ के पार हो गई है।
इस मौके पर आईआईटी के संगणक विज्ञान एवं अभियान्त्रिकी विभाग में प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा कि कम समय में चिकित्सीय संसाधनों को बढ़ाते हुए दूसरी लहर में जीवन के साथ जीविका बचाने का काम किया है। ऑक्सीजन की किल्लत होने पर दूरदृष्टि सकारात्मक सोच की बदौलत प्रदेश सरकार ने महज 15 दिनों में ऑक्सीजन की मांग से अधिक सप्लाई करते हुए किल्लत को दूर किया। महाराष्ट्र, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, केरल व दूसरे राज्यों की अपेक्षा सही समय पर लिए गए निर्णयों का परिणाम है कि योगी के यूपी मॉडल की चर्चा देश विदेश में हो रही है।
नीति आयोग के सदस्य विनोद पॉल ने कहा कि प्रदेश् में नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण, रेपिड रिस्पांस टीम, होम क्वारंटाइन की पहल सराहानीय है। उन्होंने कहा कि आने वाले 100 दिन सर्तकता बरतने के हैं। उत्सवों के अवसर पर संयम बरतना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने यूपी के कोविड प्रबंधन को सिद्धि तक पहुंचने का प्रयास बताया।