नई दिल्ली, रक्षा उत्पादन में अग्रणी निजी कंपनियों को शामिल करने के लिए सरकार के रणनीतिक साझेदारी मॉडल की सैन्य प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सराहना करते हुए कहा कि यह भारत के सैन्य बलों के आधुनिकीकरण को बढ़ावा देना की दिशा में एक अहम और बड़ा कदम है। जनरल रावत ने कहा कि उम्मीद है कि नए मॉडल से सेना के आधुनिकीकरण की योजना की रफ्तार तेज होगी क्योंकि इससे नई तकनीक आएंगी और सेना की मुख्य परियोजनाओं के कियान्वयन में मदद मिलेगी।
क्षेत्र के सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर सेना अपनी हथियार प्रणाली के आधुनिकीकरण पर जोर दे रही है। जनरल रावत ने कहा कि एसपी मॉडल सेना के पुराने होतेे टैंकों और महत्वपूर्ण हथियारों के बेड़े को बदलने में कारगर साबित होगा। सेना प्रमुख ने एक समाचार एजेंसी से हाल की बातचीत में कहा, रणनीतिक साझेदारी मॉडल एक बड़ा कदम है। यह सैन्य बलों के आधुनिकीकरण में मदद देगा। हमें टैंकों को हटाने पर धीरे-धीरे विचार करना होगा।
आगामी सात से आठ वर्षों में हमारी कुछ पुरानी प्रणालियों को बदलना होगा। इस प्रक्रिया को अभी शुरू करना अच्छा होगा क्योंकि उत्पादन के लिए आपको वक्त चाहिए होता है। नए मॉडल के तहत सरकार भारत की निजी क्षेत्र की कंपनियां को रक्षा क्षेत्र की प्रमुख विदेशी कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम में भारत में लड़ाकू विमान, हैलिकॉप्टर, पनडुब्बियां और प्रमुख लड़ाकू टैंकों के निर्माण की इजाजत देगी।
सेना के आधुनिकीकरण कार्यक्रम के संदर्भ में जनरल रावत ने इसकी प्रगति पर प्रसन्नता जाहिर की और अमेरिका से दो बेहद हल्की होवित्जर तोपों को लाने और डीआरडीओ द्वारा विकसित 155 एमएम की तोप धनुष का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, आधुनिकीकरण कार्यक्रम तेजी से चल रहा है। यह रातोरात नहीं हो सकता, यह एक प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि तोपों का आधुनिकीकरण कार्यक्रम बहुत, बहुत अच्छा चल रहा है। बोफोर्स घोटाले के बाद से 30 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद सेना को पिछले ही महीने अमेरिका से दो हॉवित्जर तोपें मिली हैं। यह 145 लंबी दूरी तक प्रहार करने वाली तोपों की खरीद के ऑर्डर का हिस्सा है।