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राजनाथ सिंह ने कहा,रक्षा पर्यटन को बढावा दिये जाने की जरूरत

नयी दिल्ली, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि विविधताओं से भरे हमारे देश में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और हमें सांस्कृतिक पर्यटन के साथ साथ विशेष रूप से रक्षा पर्यटन तथा सीमाई क्षेत्रों की विविधता पर आधारित पर्यटन की संभावनाओं को बढाने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

श्री सिंह ने गुरूवार को सीमा सड़क संगठन के नये पोर्टल का उद्घाटन करते हुए कहा ,“ भारत जैसे विविधता भरे देश में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, जिनका मैं समझता हूँ दोहन करना चाहिए। हमारे देश में तीर्थ स्थलों, ऐतिहासिक स्थलों, पहाड़, जंगल, रेगिस्तान, बर्फ़ और समुंदर का अद्भुत मेल है। रक्षा प्रदर्शनी , एयरो इंडिया शो या इसी तरह देश के अलग-अलग हिस्सों में आयोजित किए जाने वाले आयोजनों में मैंने यह बड़े करीब से देखा है। मैं चाहूंगा कि हम लोग सोचें, कि क्या रक्षा पर्यटन को बढ़ावा देने के बारे में हम कोई योजना बना सकते हैं?”
रक्षा मंत्री ने कहा कि संस्कृतियों का संरक्षण भी हमारा एक नैतिक और संवैधानिक दायित्व है, जिसे हम पर्यटन के माध्यम से भली-भाँति पूरा कर सकते हैं। यात्राओं के माध्यम से भारतीयों ने दूर देशों तक अपनी संस्कृति की छाप छोड़ी। हमें पुनः इस परंपरा को जागृत करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा , “ पारिस्थतिकीय परिप्रेक्ष्य से पर्यटन को बढ़ावा देने की बात मैंने पहले भी कही है, पर उसके साथ-साथ संस्कृति पर्यटन को भी बढ़ावा देने की हमें जरूरत है। सीमाई क्षेत्रों में इतनी सांस्कृतिक विविधता के बावजूद, वहाँ अभी इसे उतना महत्त्व नहीं मिल पाया है। ”
श्री सिंह ने कहा कि यह संगठन सीमावर्ती क्षेत्रों में ढांचागत विकास का एक मजबूत स्तंभ बना हुआ है। शुरू में
सिर्फ दो परियोजनाओं से बढ़कर, यह अब 18 परियोजनाओं तक पहुंच गया है। संगठन द्वारा 60,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों, 850 प्रमुख पुलों, 19 हवाई पट्टियों और 04 सुरंगों का निर्माण किया जा चुका है। उमलिंग-ला दर्रे पर दुनिया की सबसे ऊंची सड़क बनाकर संगठन ने निर्माण के क्षेत्र में भारत को विश्व मानचित्र पर स्थापित कर दिया है। अटल सुरंग का निर्माण निश्चित ही किसी चमत्कार से कम नहीं है
उन्होंने कहा कि सीमवर्ती इलाक़ों में विकास के नए केंद्र बनकर उभरे हैं। उत्तर पूर्व जैसे क्षेत्र, न केवल अपना विकास कर रहे हैं, बल्कि पूरे देश के समग्र विकास का नया गेटवे बन रहे हैं। पर्यटन उद्योग में बढ़ोतरी के साथ सीमावर्ती इलाके, आज विकास की नई गाथा लिख रहे हैं। अटल सुरंग के उद्घाटन के बाद इस क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में 6 गुना वृद्धि हुई है। यह बड़ा क्रांतिकारी परिवर्तन है।