अयोध्या, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या के संत धर्माचार्यों ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा खरीदी गयी जमीन की निष्पक्ष जांच होनी चाहिये, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि रामभक्तों से दान में प्राप्त हुई जो धनराशि राम मंदिर बनने के लिये जो इकट्ठा की गई है,उसमें से अगर जमीन की खरीद-फरोख्त में राजनीतिक दल आरोप लगाते हैं तो ,इसकी जांच शीघ्र करा लेनी चाहिये, जिससे दूध का दूध पानी का पानी हो जाय।
उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि जमीन खरोद-फरोख्त में कोई घोटाला नहीं हुआ है, लेकिन आरोप लगने पर जाँच होनी चाहिये। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में महासचिव चम्पत राय और सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा के द्वारा ही खरीद-फरोख्त होती है। मेरी जानकारी में किसी सदस्य को बाद में पता चलता है कि क्या खरीदा गया। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के सदस्यों की जानकारी में न होना यह भी मामला गंभीर है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं मणिराम दास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी कमलनयन दास ने भी इस पूरे प्रकरण की जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि इसमें कोई बेईमानी नहीं हुई है ,लेकिन तब भी श्रीराम मंदिर निर्माण में आये हुए दान के पैसों से जमीन खरीद फरोख्त में आरोप लगने के बाद जांच होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि महंत नृत्यगोपाल दास जी की तबियत इधर काफी दिनों से खराब है, मुझे भी इस जमीन की खरीद-फरोख्त में कोई जानकारी नहीं है।
अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैयादास ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि परिसर के आसपास जो जमीन खरीदी गयी है उसमें गड़बड़ी नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक दलों द्वारा आरोप-प्रत्यारोप का दौर अभी थम नहीं रहा है इसलिये इस मामले की जांच होना आवश्यक हो गया है।
उन्होंने श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव को क्लीन चिट देते हुए कहा कि वह विश्वास पात्र व्यक्ति हैं, मुझे नहीं लगता कि उनके रहते कोई इतना बड़ा घपला हो सकता है, लेकिन जमीन की खरीद-फरोख्त जांच देश के सामने आना चाहिये। उन्होंने कहा कि जबकि जिलाधिकारी सहित इस ट्रस्ट में कई सदस्य हैं।
श्रीरामजन्मभूमि में पक्षकार रहे प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के जमीन खरीद-फरोख्त में हेराफेरी के मामले को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की 18 अखाड़ों की बैठक अयोध्या में आयोजित की जायेगी।
महंत धर्मदास ने श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव एवं वरिष्ठ सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा पर आरोप लगाया कि रामलला के नाम पर यह लोग धंधा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राम के नाम पर एकत्र हुई समर्पण निधि के बंदरबांट का तरीका निकाला गया है ,इसलिये जल्द ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक बुलाई गयी है। उन्होंने कहा कि उसमें संत समाज बैठ करके राम मंदिर निर्माण के बारे में चर्चा करेंगे। भगवान के दान का पैसा समर्पण का पैसा सभी चीज भगवान के नाम से होना चाहिये जो ऐसा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि जब उच्चतम न्यायालय में मुकदमा रामलला विराजमान के नाम से हुआ और फैसला रामलला के पक्ष में आया तो सारी सम्पत्ति रामलला की होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि न्यायालय जैसा चाहता था वैसा ट्रस्ट का स्वरूप नहीं बनाया गया और इसको राजनीति के चंगुल में फंसा दिया गया। राष्ट्रीय निर्माण में निजी स्वार्थ शामिल है। यही कारण है कि भगवान के पैसे में भी घोटाला हो रहा है। उन्होंने कहा भगवान श्रीरामलला पैसे से मंदिर निर्माण के साथ-साथ साधु सेवा, संत सेवा, गौ सेवा होनी चाहिये। जो जमीन ट्रस्ट खरीद रही है उसमें होटल धर्मशाला बनेंगे व्यवसाय किया जायेगा।
मंहत ने कहा कि ट्रस्ट के लोग मुझसे नहीं मिले थे बल्कि अयोध्या नगर निगम के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय मिले थे। ट्रस्ट को ढाई करोड़ में कैसे बेची गयी मैं नहीं जानता। मुझे तो पता था कि यह जमीन मेरी थी ही नहीं नजूल की है। जो मिला वही बहुत था। इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिये।