नई दिल्ली, राष्ट्रपति पद के लिए राजग उम्मीदवार राम नाथ कोविंद ने आज कहा कि राष्ट्रपति का पद दलगत राजनीति से ऊपर है और वह उसकी प्रतिष्ठा बनाए रखने की पूरी कोशिश करेंगे। 71 वर्षीय कोविंद ने अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद कहा कि वह वर्ष 2015 में जब से बिहार के राज्यपाल बने थे, तब से वह किसी राजनीतिक दल के साथ नहीं हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, मेरे राज्यपाल बनने से बाद से ही मैं किसी राजनीतिक दल में नहीं हूं। राष्ट्रपति का पद दलगत राजनीति से ऊपर है।
मैं सहयोग देने के लिए सभी का आभारी हूं। कोविंद ने जब नामांकन दाखिल किया, उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजग के कई मुख्यमंत्री और पार्टी नेता उनके साथ थे। राष्ट्रपति पद के लिए 17 जुलाई को चुनाव होना है। इस चुनाव में उनकी जीत लगभग निश्चित प्रतीत हो रही है। उन्होंने कहा, मैं राष्ट्रपति के उच्च पद की गरिमा बनाए रखने के लिए हर संभव कोशिश करूंगा। कोविंद ने राष्ट्रीय सुरक्षा का जिक्र करते हुए कहा, राष्ट्रपति सभी तीनों दलों का उच्च कमांडर भी होता है। हमारी सीमाओं को सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है।
इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी मौजूद थे। इस दौरान भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी उपस्थित थे लेकिन गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर और जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती मौजूद नहीं थीं। राजग के घटक दलों के अलावा अन्नाद्रमुक, बीजद, टीआरएस और जदयू जैसे क्षेत्रीय दलों ने दलित नेता को समर्थन देने की घोषणा की है। यदि स्थिति में कोई बड़ा बदलाव नहीं होता है तो उनकी जीत लगभग तय प्रतीत हो रही है। अगले राष्ट्रपति का चुनाव करने वाले निर्वाचन मंडल में 48.6 प्रतिशत मत राजग के घटक दलों के हैं। कोविंद को 61 प्रतिशत से अधिक मत मिलने की उम्मीद है।