नई दिल्ली, राष्ट्रपति चुनाव में इस बार, भाजपा के दलित कार्ड के खिलाफ विपक्ष दलित महिला प्रत्याशी को उतार कर, एनडीए को चक्कर मे डाल दिया है। भाजपा ने 20 जून को बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी घोषित किया। कोविंद दलित वर्ग से हैं।
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भाजपा के दलित कार्ड के खिलाफ विपक्ष को एक ऐसा प्रत्याशी चुनना था, जो कोविंद के मुकाबले खड़ा हो सके। भाजपा समझती थी कि दलित प्रत्याशी का विरोध करना कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष के लिए मुश्किल होगा। लेकिन, आज शाम विपक्षी दलों ने बैठक कर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के नाम की घोषणा कर भाजपा के सामने समस्या खड़ी कर दी है।
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मीरा कुमार भी दलित वर्ग से हैं। स्वतंत्रता सेनानी व दलित नेता बाबू बाबू जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार पांच बार लोकसभा सांसद व लोकसभा की पहली महिला स्पीकर रह चुकी हैं।
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भाजपा ने 20 जून को बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी घोषित किया। कोविंद दलित वर्ग से हैं। भाजपा के इस दलित कार्ड से विपक्ष में सकते में था। इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री व जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार ने कोविंद को समर्थन दे दिया। इससे विपक्ष की मुश्किलें और बढ़ गईं।आम आदमी पार्टी ने भी यूपीए का दलित उम्मीदवार होने पर समर्थन का दावा किया था। ऐसे में विपक्ष ने मीरा कुमार को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में सामने कर बड़ा दांव चल दिया है।
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