नई दिल्ली, दिल्ली में आज से अंतरराष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा बैठक शुरू हुई। इस बैठक में 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। तीन दिनों तक चलने वाली इस बैठक का उद्घाटन विदेश सचिव एस. जयशंकर ने किया। भारत का कहना है कि आतंकवादियों द्वारा जन संहार के हथियारों और संबंधित चीजों का संभावित इस्तेमाल अब सैद्धांतिक विषय नहीं है।
विश्व में बढ़ते आतंकवाद के खतरे और आतंकियों के द्वारा परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की आशंकाओं के मद्देनजर इससे निपटने के लिए दुनियाभर के देशों के बीच सहयोग की जरूरत पर बल देने के इस बैठक का आयोजन किया गया है। बैठक का उद्घाटन करते हुए भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि विकास ही व्यापक वैश्विक प्रतिक्रिया की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद एक अंतरराष्ट्रीय खतरा है, जो किसी भी देश की राष्ट्रीय रणनीति नहीं होनी चाहिए।
जयशंकर ने कहा कि आतंकियों के खतरों के बीच भेदभाव अच्छा या बुरा और मेरा या तुम्हारा की प्रवृति के रूप में तेजी से पहचाना जा रहा है। आतंकवादियों के बीच खतरों का भेदभाव अच्छा या बुरा, और यहां तक कि तुम्हारा और मेरा है तेजी से पहचाने जा रहे हैं। बता दें कि विदेश मंत्रालय परमाणु उर्जा विभाग के समन्वय से आज से दस फरवरी तक ग्लोबल इनीशिएटिव टू कम्बैट न्यूक्लियर टेररिज्म की क्रियान्वयन एवं आकलन समूह बैठक की मेजबानी कर रहा है। विभिन्न सहयोगी देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के करीब 150 प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।