नई दिल्ली, अदम्य साहस, वीरता और पराक्रम दिखाने वाले देशभर से चुने गए 25 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता सम्मान प्रदान किया गया। अदम्य साहस और वीरता दिखाने वाले बच्चों को सम्मान प्रदान करने के मकसद से भारतीय बाल कल्याण परिषद ने राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार योजना शुरू की थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बच्चों से कहा कि बहादुरी एक मनःस्थिति होती है और इसलिए हमें अपने मन की शक्ति को मजबूत बनाने की जरूरत है। उन्होंने बच्चों को नेताओं, खिलाड़ियों एवं अन्य विभूतियों की जीवनी पढ़ने को भी प्रेरित किया जिन्होंने अपने जीवन में महान कार्य किये हैं। अदम्य साहस, वीरता और पराक्रम दिखाने वाले देशभर से चुने गए 25 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता सम्मान प्रदान करते हुए प्रधानमंत्री ने ये बातें कही। मोदी ने ट्वीट किया, साल 2016 का राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्रदान किया। मैंने पुरस्कार विजेता बच्चों को उनके अदम्य साहस के लिए बधाई दी।
प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, पुरस्कार विजेता बच्चों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, बहादुरी एक मनःस्थिति है। एक स्वस्थ्य शरीर मदद करता है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण कारक मन है। और इसलिए हमें मन की शक्ति को मजबूत बनाना चाहिए। उन्होंने बच्चों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि जो प्रसिद्धी उन्हें मिल रही है, वे उनके भविष्य के मार्ग में अवरोधक नहीं बने। बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने पुरस्कार विजेताओं से कहा कि उनकी बहादुरी के कारनामे उनके साहस के साथ साथ उनकी निर्णायक क्षमता से भी परिलक्षित होते हैं। उन्होंने बच्चों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि यह पुरस्कार उनके जीवन के मकसद का अंत नहीं होना चाहिए बल्कि उनके लिए एक शुरूआत भर होना चाहिए।
नेताजी सुभाष चंद्रबोस की जयंती पर इस दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों से आग्रह किया कि जितना अधिक हो से किताब पढ़े, विशेष तौर पर ऐसे नेताओं, खिलाड़ियों एवं अन्य विभूतियों के, जिन्होंने अपने जीवन में महान कार्य किये हैं। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी मौजूद थीं।