लेखक एमएम कलबुर्गी की हत्या के विरोध्ा मंे एक नवम्बर को प्रतिरोध्ा सम्मलेन दिल्ली मंे

 

dead kalburgiसाहित्य अकादमी ने भले ही मशहूर लेखक एमएम कलबुर्गी की हत्या के ढाई महीने बाद एक निंदा प्रस्ताव पारित किया लेकिन इस घटना के विरोध्ा मंे लेखकांे तथा बुद्ध्ािजीवियांे का आंदोलन जारी रहेगा और इसी क्रम मंे एक नवम्बर को एक बड़ा प्रतिरोध्ा सम्मलेन राजध्ाानी दिल्ली मंे आयोजित किया जा रहा है।
जनसत्ता के पूर्व संपादक एवं वरिष्ठ लेखक ओम थानवी ने आज बताया कि नरंेद्र दाभोलकर की जयंती पर आयोजित इस प्रतिरोध्ा सम्मलेन मंे लेखकांे, कलाकारांे, रंगकर्मियांे, इतिहासकारांे तथा अन्य बुद्ध्ािजीवियांे को आमंत्रित किया गया है । इस सम्मेलन मंे कलबुर्गी के बेटे, नरेन्द्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे के परिजनांे को भी बुलाया गया है। करीब तीन सौ लोगांे के इसमंे शामिल होने की उम्मीद है। इसके आलावा रोमिला थापर और इरघन हबीब जैसे इतिहासकारांे को भी आमंत्रित किया जा रहा है।
ओम थानवी ने कहा कि अभी हिंदी के प्रसिद्ध्ा कवि देश से बाहर है और उनके आते ही कार्यक्रम की रुपरेखा तैयार हो जायेगी। सम्मेलन मंे उन सभी वाम और गैर भाजपा संगठनांे को आमंत्रित किया जा रहा है जो इस वघ््त देश के हालात से विचलित और चिंतित हंै। उन्हांेने कहा घ् िलखनऊ, पटना, जयपुर, चंडीगढ़, मुम्बई और जयपुर से भी कई लोगांे के आने की संभावना है और इस तरह के प्रतिरोध्ा सम्मेलन देश के अन्य हिस्सांे मंे भी आयोजित किए जाएंगे।
देश मंे इस तरह के स्वतः स्फूर्त आंदोलन कम ही हुए है जिसमंे लेखकांे- बुद्ध्ािजीवियांे का विरोध्ा केवल साहित्य अकादमी तक सीमित नहीं रहा। पूर्व संपादक ने कहा,” हम ये भी बताना चाहते है कि इसमंे वाम या कांग्रेस के लेखक नहीं हंै ,लेखक किसी पार्टी का नहीं होता वह तो जनता के साथ खडा होता है ,वह संवेदनशील होता है और अन्याय का विरोध्ा करता है चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो। लेखकांे ने हमेशा अपनी रचनाओं से हर गलत बात का विरोध्ा किया है ।“

Related Articles

Back to top button