पटना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के गौरवशाली इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि विरासत ही समाज की प्रेरणा होती है। समृद्ध इतिहास ही भावी इतिहास को गढ़ने की प्रेरणा देता है। पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की समृद्ध विरासत रही है। उन्होंने प्राचीन नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय की चर्चा करते हुए कहा कि जितनी पुरानी यहां गंगा धारा बहती है, उतनी ही पुरानी यहां ज्ञान धारा भी बहती है।
उन्होंने कहा कि प्रारंभ से ही बिहार ज्ञान की धरती रही है। इसे सरस्वती के साथ ही अब लक्ष्मी की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि विकास के प्रति प्रतिबद्ध बिहार सरकार और पूवरेत्तर राज्यों के विकास के प्रति संकल्पित केंद्र सरकार बिहार को 2022 तक विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के प्रति दृढ़ संकल्पित है। मोदी ने कहा कि यह विश्वविद्यालय इस बात का सुबूत है कि जो बीज सौ साल पहले यहां बोया गया था, आज वह भारत के विकास में भी योगदान कर रहा है।
मोदी ने पटना विश्वविद्यालय परिसर में पहले प्रधानमंत्री के रूप में आने का गौरव पाने पर कहा, पूर्व के प्रधानमंत्री हमारे लिए कुछ अच्छे काम का मौका छोड़ कर गए और आज मुझे ये मौका मिला है कि मैं इस ऐतिहासिक विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह दिवस में मौजूद हूं और मुझे यहां के छात्रों को संबोधित करने का मौका मिला है। इससे पूर्व मोदी के पटना हवाईअड्डा पहुंचने पर बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई गणमान्य लोगों ने उनका स्वागत किया।
इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी पटना से करीब 90 किलोमीटर दूर मोकामा जाएंगे, जहां विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास करने के बाद वह एक आमसभा को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उपस्थित रहेंगे। बिहार की सत्ता से महागठबंधन को बेदखल करने और राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की यह पहली सार्वजनिक सभा होगी।