मुंबई, ब्याज दरों में कटौती शुरू होने और चीन की अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने की उम्मीद से जूझ रहे निवेशकों के कमजोर रुझान और ऊंचे भाव पर हुए करेक्शन के दबाव में बीते सप्ताह करीब सवा फीसदी लुढ़के शेयर बाजार पर अगले सप्ताह वैश्विक रुख और कंपनियों के तिमाही नतीजों का असर रहेगा।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स ने 885.22 अंक अर्थात 1.22 प्रतिशत का गोता लगाया और 73 हजार के सर्वकालिक उच्चतम शिखर से लुढ़ककर सप्ताहांत पर 71683.23 अंक रह गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 272.15 अंक यानी 1.24 प्रतिशत की गिरावट लेकर 21622.40 अंक पर आ गया।
समीक्षाधीन सप्ताह दिग्गज कंपनियों की तरह छोटी कंपनियों में बिकवाली हुई लेकिन मझौली कंपनियों के शेयरों में तेजी का रुख रहा। इससे बीएसई का मिडकैप जहां 329.34 अंक अर्थात 0.9 प्रतिशत उछलकर 38204.77 अंक पर पहुंच गया। वहीं, स्मॉलकैप 63.01 अंक की मामूली गिरावट के साथ 44440.69 अंक पर रहा।
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी अर्थव्यवस्था के मजबूत आंकड़ों और बॉण्ड यील्ड में तेजी रहने से फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में शीघ्र कटौती शुरू करने की उम्मीद धूमिल हुई है। साथ ही स्थानीय स्तर पर ऊंचे भाव पर करेक्शन भी देखा गया। बीते सप्ताह इन कारकों से बाजार दबाव में रहा। हालांकि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और टेक कंपनियों के मजबूत प्रदर्शन ने बाजार को सम्भाला।
सप्ताहांत पर उद्योगपति मुकेश अंबानी की पेट्रोलियम से लेकर दूरसंचार और रिटेल आदि क्षेत्रों में कारोबार करने वाली देश की सबसे बड़ी निजी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही का परिणाम आया है। इसमें कंपनी ने 19641 करोड़ रुपये का सकल शुद्ध लाभ कमाया है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 17706 करोड़ रुपये की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक है। अगले सप्ताह रिलायंस के परिणाम का बाजार पर असर रहेगा।
इसके अलावा अगले सप्ताह टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, आईओसी, टेक महिंद्रा, एक्सिस बैंक, इण्डियन बैंक, यूको बैंक, कैनरा बैंक और आईसीआरए जैसी दिग्गज कंपनियों के दिसंबर में समाप्त तिमाही के परिणाम आने वाले हैं।बाजार को दिशा देने में तिमाही नतीजों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
साथ ही 30-31 जनवरी को अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेड रिजर्व की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक होने वाली है। ब्याज दरों में कटौती शुरू होने की उम्मीद को लेकर अगले सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिनों में बाजार इस पर प्रतिक्रिया दे सकता है। वहीं, विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश प्रवाह का भी बाजार प्रभाव रहेगा क्योंकि पिछले साल नवंबर और दिसंबर में बम्पर निवेश के बाद जनवरी 2024 में अबतक एफआईआई 23,583.70 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली कर चुके हैं।
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के मजबूत नतीजों की बदौलत आईटी और टेक कंपनियों में छह प्रतिशत से अधिक की तेजी से सोमवार को सेंसेक्स 759.49 अंक की छलांग लगाकर पहली बार 73 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 73,327.94 अंक और निफ्टी 202.90 अंक यानी 0.93 प्रतिशत उछलकर 22,097.45 अंक पर पहुंच गया। वहीं, विश्व बाजार के कमजोर रुझान के बीच स्थानीय स्तर पर ऊंचे भाव पर हुए करेक्शन के दबाव में मंगलवार को सेंसेक्स 199.17 अंक लुढ़ककर 73,128.77 अंक और निफ्टी 65.15 अंक गिरकर 22,032.30 अंक पर आ गया।
इसी तरह ब्याज दर में कटौती और चीन की अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने की उम्मीद से जूझ रहे निवेशकों के कमजोर रुझान से विश्व बाजार में आई गिरावट के बीच स्थानीय स्तर पर जारी तिमाही नतीजे में एचडीएफसी बैंक के ऋण-जमा अनुपात के खतरनाक स्तर पर पहुंचने से इस हैवीवेट बैंक के शेयरों के करीब साढ़े आठ प्रतिशत लुढ़कने से बुधवार को शेयर बाजार में कोहराम मच गया। सेंसेक्स 1628.01 अंक का गोता लगाकर 71,500.76 अंक और निफ्टी 460.35 अंक लुढ़ककर 21,571.95 अंक पर आ गया।
अमेरिका के मजबूत आर्थिक आंकड़े और बॉण्ड यील्ड में तेजी के बीच ब्याज दरों में कटौती में हो रहे विलंब के दबाव में स्थानीय स्तर पर कंज्यूमर डयूरेबल्स, यूटिलिटीज, पावर और वित्तीय सेवाएं समेत बारह समूहों में हुई बिकवाली से गुरुवार को सेंसेक्स 313.90 अंक लुढ़ककर 71,186.86 अंक और निफ्टी 109.70 अंक टूटकर 21,462.25 अंक पर रहा। वहीं, विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर रिलायंस समेत कई दिग्गज कंपनियों के जारी होने वाले तिमाही नतीजे को लेकर उत्साहित निवेशकों की चौतरफा लिवाली की बदौलत शुक्रवार को सेंसेक्स 496.37 अंक की छलांग लगाकर 71,683.23 अंक और निफ्टी 160.15 अंक उछलकर 21,622.40 अंक हो गया।