मॉस्को , व्लादिमीर पुतिन ने चौथी बार रूस के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। लगभग दो दशक लंबा कार्यकाल पूरा कर चुके पुतिन का आज से छह वर्षों का चौथा कार्यकाल शुरू हुआ। उनका यह कार्यकाल ऐसे समय शुरू हुआ है जब पश्चिम में अपने समकक्षों के साथ उनके संबंध तनावपूर्ण हैं।
65- वर्षीय पुतिन 1999 से ही सत्ता में हैं। मार्च के चुनाव में जीत के बाद वह जोसेफ स्टालिन के बाद सबसे लंबे समय तक रूसी नेता बने रहने की राह में आगे बढ़ गए हैं। मार्च में हुए आम चुनाव में उन्हें करीब 77 प्रतिशत मत मिले थे। उन्होंने वादा किया है कि वह अपने चौथे कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था में नयी जान डालेंगे। लेकिन उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय विवादों का सामना करना पड़ रहा है।
रूसी संविधान की शपथ लेकर पुतिन ने कहा रूस उसके वर्तमान और भविष्य के लिए हर संभव कार्य करना मैं अपना कर्तव्य और अपने जीवन का लक्ष्य मानता हूं। ’’ इस बार वह शपथ ग्रहण समारोह में रूस में बनी लिमोजिन कार से आए। इसके पहले वह मर्सिडीज कार से आते थे। पुतिन ने रूस के लोगों को उनके समर्थन और प्रेम के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा , ‘‘ हमने अपनी पितृभूमि के गौरव को पुन : जीवित किया है। ’’ उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी जिम्मेदारी का एहसास है।
उन्होंने कहा राष्ट्राध्यक्ष होने के नाते मैं रूस की ताकत और समृद्धि को बढ़ाने का हरसंभव प्रयास करूंगा। पुतिन का चौथा कार्यकाल पश्चिम के साथ तनावपूर्ण संबंधों और विपक्ष के विरूद्ध कार्रवाई की पृष्ठभूमि में शुरू हुआ है। महज दो दिन पहले ही विपक्ष के नेता एलेक्सी नावाल्नी सहित करीब 1,600 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया था। ये लोग देश भर में पुतिन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। नावाल्नी को मार्च का चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था।
यूरोपीय संघ ने पुलिस की इस कार्रवाई की आलोचना की। फर्जीवाड़े के एक मामले में दोष सिद्धि के बाद उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गयी थी। हालांकि उनके समर्थकों का कहना है कि यह राजनीतिक रूप से प्रेरित है। रूस के राष्ट्रपति ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान क्रीमिया को यूक्रेन से अलग कर दिया और सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल – असद के पक्ष में सैन्य अभियान शुरू किया।
संविधान के अनुसार वह 2024 का चुनाव नहीं लड़ सकते। लेकिन पुतिन ने अपने उत्तराधिकारी के संबंध में कोई संकेत नहीं दिये हैं। पुतिन ने अपने नये कार्यकाल के दौरान रूसी लोगों का जीवनस्तर सुधारने का वादा किया है। उन्होंने कहा , ‘‘ लोग बेहतर जीवन जीएंगे। क्रीमिया मुद्दे को लेकर पश्चिमी देशों के प्रतिबंध और वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने से देश की अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर पड़ा। रूसी अर्थव्यवस्था को उबारना पुतिन के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।