इटावा, उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के गढ़ इटावा में उसके परंपरागत वोट बैंक पिछड़ी जाति पर सेंध लगाने के एजेंडे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने काम करना शुरू कर दिया है।
भाजपा हाईकमान ने इटावा में लोधी जाति के संजीव राजपूत को पार्टी का नया जिला अध्यक्ष बना कर एक नई राजनीति को जन्म दे दिया है। भाजपा सवर्ण वोट बैंक के अलावा पिछड़ी जातियों में मुख्य समझी जाने वाली कुर्मी, कुशवाहा ,शाक्य मौर्य, सैनी के अलावा लोधी को भी अपने पक्ष में लामबंद करने को अभी से जुट गई है।
लोधी जाति से ताल्लुक रखने वाले संजीव राजपूत को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने इटावा में पार्टी का नया जिला अध्यक्ष घोषित कर राजनीति के पंडितों को नये समीकरण के बारे में सोचने को मजबूर कर दिया है। आश्चर्य तो इस बात का है कि भाजपा ने अपने जिस जिला अध्यक्ष अजय धाकरे को पद से हटाया है वो स्वतंत्रता दिवस के दिन इटावा के भाजपा आफिस में राष्ट्रीय ध्वज फहरा रहे थे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अजय घाकरे को लेकर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह मनोनयन के बाद से असहज रहे है। पार्टी के भरेासेमंद नेताओ की बातों पर यकीन करे तो कोरोना काल मे चंद के रूप से एक जुट की गई रकम मे भी बडा गडबडा झाला सुखिर्यो मे रहा है ।
पंचायत चुनाव मे लगातार भाजपा जिला पंचायत सीट पर कब्जा का दावा करती रही लेकिन जब पंचायत चुनाव आया तो ऐसे ऐसे उम्मीदवार उतारे गये जिनको कोई भी वजूद नही था । भाजपा को नारायणी देवी के रूप मे एक मात्र जिला पंचायत सदस्य पद पर जीत मिली और यही हालात ब्लाक प्रमुख पद पर भी रही है । नारायणी देवी के बेटे गणेश राजपूत प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव मे भाजपा की पताका फहराने मे कामयाब रहे।
अजय घाकरे ने इटावा के ब्लाक प्रमुख पद के चुनाव मे बसरेहर,सैफई,ताखा मे तो उम्मीदवार ही नही उतारे जब कि जसवंतनगर,महेवा,भर्थना,चकरनगर ऐसे उम्मीदवार दिये जो किसी भी सूरत मे जीतने की स्थिति मे नही थे परिणाम स्वरूप पंचायत चुनाव मे भाजपा मन माफिक झंडा नही फहरा सकी । कुछ इसी तरह के कारण अजय धाकरे के जिला अध्यक्ष पद से हटने के माने जा रहे है ।
संजीव राजपूत के बारे में कहा जाता है कि वह भाजपा के कर्मठ सिपाही है और शुरूआती राजनीति से लेकर अभी तक भारतीय जनता पार्टी के साथ में ही उनकी सेवाएं बदस्तूर जारी है । जब कल्याण सिंह ने राष्ट्रीय क्रांति पार्टी नाम के दल की घोषणा की तो उस समय जरूर संजीव राजपूत ने राष्ट्रीय क्रांति पार्टी के साथ खड़ा होना मुनासिब समझा लेकिन कल्याण सिंह भाजपा में वापस लौटे तो संजीव भी वापस भाजपा में आ गये ।
राजपूत को हालिया पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में उतारा गया था लेकिन कामयाबी नही मिल सकी जब कि संजीव के मुकाबले लोधी जाति से ही जुड़ी नारायणी देवी को जिला पंचायत सदस्य के तौर पर जीत मिली है । नारायणी देवी ही एकमात्र इकलौती ऐसी महिला है जिन्होंने जिला पंचायत सदस्य पद पर जीत हासिल कर भारतीय जनता पार्टी की साख बचा करके रखी है । केवल इतना ही नहीं नारायणी देवी के बेटे गणेश राजपूत भी भारतीय जनता पार्टी का झंडा उठाए हुए हैं ।