सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ जातीय और सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का काम अरसे से करते आ रहे हैं। अब जब राज्य में भाजपा का शासन कायम हुआ है, कई जिलों में अशांति और अराजकता को बढ़ावा मिल रहा है। इसका उद्देश्य एक विशेष समुदाय के साथ अपने विरोधियों को आतंकित कराना और उनका मुंह बंद करना है। सहारनपुर, मेरठ और बुलन्दशहर में जो कांड हुए है उनमें प्रशासनतंत्र की पूरी विफलता और राजनीतिक नेतृृत्व की विद्वेष तथा संकीर्ण जातीय मानसिकता का खुला प्रदर्शन हुआ है।
चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संयम से रहने की अपील करनी पडी। समाज को जिन स्थितियों से गुजरना पड़ रहा है उनके लिये सीधे.सीधे सत्तारूढ़ भाजपा दल के लोग जिम्मेदार हैं। सरकारी संरक्षण में असामाजिक तत्वों को पराश्रय देने के फलस्वरूप ही प्रदेश में शांति व्यवस्था के हालात बिगड़ रहे हैं और उन पर नियंत्रण नही हो पा रहा हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि सामाजिक सद्भाव के आड में भगवा गमछाधारी कानून को अपने हाथ में लेना अपना अधिकार मानने लगे हैं। यह स्थिति लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के लिये खतरे का संकेत हैं। ऐसे माहौल में विकास की बात करना ही व्यर्थ हैं। केन्द्र मेे तीन साल सत्ता में बिताने के बाद भी भाजपा जनहित की दिशा में ठोस कदम उठाने में असफल रही है।
उन्होंने पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार की तारीफ करते हुए दावा किया कि उस समय कानून व्यवस्था नियंत्रित थी। योगी सरकार बने 50 दिन ही हुए हैं लेकिन इस बीच में ही महिलाओं के उत्पीड़नए यौनशोषण तथा बलात्कार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।