नयी दिल्ली, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा है कि दुनियाभर में खलबली मचा रहे वानाक्राई रैनसमवेयर साइबर हमले से भारत को कोई विशेष खतरा नहीं है। देश में एक आध ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जिनपर आसानी से काबू कर लिया जाएगा।
शुक्रवार को भारत समेत दुनिया के करीब 100 देशों में हलचल मचाने वाले साइबर हमले के पीछे एक बडी साजिश का हवाला देते हुए खबरों मे कहा गया है कि हैकर वानाक्राई के जरिए विडाेंज आधारित कंप्यूटर प्रणाली को निशाना बना रहे हैं और उसके पासवर्ड को लॉक कर लोगों इसे खाेलने के लिए बिट क्वाइन और डॉलर में फिरौती की मांग कर रहे हैं।
श्री रविशंकर ने वानाक्राई साइबर हमले के भारत में संभावित खतरे के सवाल पर आज यहां मीडिया से कहा कि भारत को इससे कोई बड़ खतरा नहीं है। केरल और आंध्रद्रेश में कुछ स्थानों पर इसका असर देखने को मिला है लेकिन उसपर जल्द ही काबू पा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश का नेशनल इनफार्मेटिक सेंटर एनआईसी इससे पूरी तरह अछूता है और उसे किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। सभी एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं और कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
श्री रविशंकर का बयान ऐसे समय आया है जब देश में केरलए आंध्रप्रदेश और पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में वानाक्राई रैनसमवेयर हमले की खबर आई है।
इस बीच सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्रालय के तहत काम करने वाली साइबर अपराध मोचन टीम श् आईसीईआरटीश् ने आज अपनी वेबसाइट पर वानाक्राई साइबर हमले से बचाव के कई तरीके सुझाते हुए लोगों से साइबर हमलावरों की धमकियों के जाल में नहीं फंसने की सलाह दी है। विशेषज्ञों ने कहा है कि यदि ऐसा कुछ भी हो तो इसकी जानकारी तुरंत स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों तक पहुंचाई जाएं। बचाव के तरीकों में कंप्यूटरों में एंटी वायरस साफ्टवेयर के साथ ही माइक्रोसाफ्ट कंपनी की ओर से उपलब्ध कराए गए सुरक्षा पैच लगाने और संदिग्ध ईमेल संदेशों को खाेलने और उनके साथ अटैच की गई फाइलों को डाउनलोड करते वक्त पूरी सावधानी बरतने को कहा है।
आईसीईअारटी के अनुसार फिलहाल रेनसमवेयर के सात संस्करणों का पता लग चुका है। सीईआरटी की स्वच्छता केन्द्र वेबसाइट पर इन संस्करणों का पता लगाने के लिए एक साफ्टवेयर उपलब्ध कराया गया है। कंप्यूटर का इस्तेमाल करने वालों को सलाह दी जाती है कि वे वेबसाइट पर जाकर इस साफ्टवेयर को अपने कंप्यूटर पर डाउनलोड कर लें। यह मुफ्त उपलब्ध है। यह साफ्टवेयर कंप्यूटर प्रणाली में मौजूद किसी भी तरह के वायरस या गड़बड़ी पैदा करने वाले किसी साफ्टवेयर को तुरंत खत्म कर देगा। यदि यह साफ्टवेयर डाउनलोड नहीं हो पाए तो इसका अर्थ यह होगा की कंप्यूटर वानाक्राई हमले का शिकार हो चुका है। ऐसी स्थिति में उसे अलग कर देना ही बेहतर होगा।