वर्ष 2016 में मप्र के उज्जैन में सिंहस्थ का मेला लगेगा। सिंहस्थ 22 अप्रैल से 21 मई 2016 तक रहेगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जब गुरु सिंह राशि में, सूर्य अपनी उच्च मेष राशि में और चंद्रमा तुला राशि में होता है, तब उज्जैन में सिहंस्थ मेले की शुरुआत होती है।इसलिए कहते हैं सिंहस्थ
गुरु के सिंह राशि में होने पर यह आयोजन होता है, इसलिए इसे सिंहस्थ कहते हैं। उज्जैन में जब सिहंस्थ का मेला लगेगा, तब गुरु चण्डाल योग रहेगा। उस समय सिंह राशि में गुरु के साथ राहु भी रहेगा, इस कारण गुरु चाण्डाल योग बनेगा। सूर्य एवं शुक्र उच्च राशि में रहेंगे। मंगल स्वयं की राशि वृश्चिक में रहेगा। मंगल के साथ उसका शत्रु शनि भी वृश्चिक राशि में ही रहेगा।
1980 में भी बना था ऐसा योग
8 जनवरी 2016 को राहु सिंह राशि में प्रवेश करेगा। इसके बाद गुरु और राहु सिंह राशि में रहेंगे। राहु एवं केतु एक राशि में 18 माह तक रहते हैं। इसलिए राहु 8 जुलाई 2017 को राशि बदलकर कर्क में जाएगा। इस संबंध में पंचांग भेद भी हो सकते हैं। 1980 में गुरु के साथ राहु की युति सिंह राशि में बनी थी और उस समय भी सिंहस्थ का आयोजन हुआ था। तब सिंह राशि में गुरू के साथ शनि एवं मंगल भी थे।
सिंहस्थ में रहेगी बहुत गर्मी
2016 में होने वाले सिंहस्थ में राहु और गुरू एक साथ सिंह राशि में रहेंगे, मंगल स्वराशि वृश्चिक में रहेगा, इस कारण सिंहस्थ के समय गर्मी का प्रकोप रहेगा। पं. शर्मा के अनुसार शुक्र उच्च का होगा, जिससे यह आयोजन देश-विदेश में अति लोकप्रिय होगा। शनि के कारण सिंहस्थ में संतों और प्रशासन के बीच वाद-विवाद हो सकता है, साथ ही, अत्यधिक भीड़ होने से व्यवस्थाएं बिगड़ भी सकती हैं। सूर्य उच्च राशि में रहेगा जो कि विपरीत परिस्थितयों को जल्दी ही संभाल लेगा।
ये हैं सिंहस्थ में स्नान की मुख्य तिथियां
22 अप्रैल 2016 पूर्णिमा
06 मई 2016 वैशाख अमावस्या
09 मई 2016 अक्षय तृतीया
11 मई 2016 शुक्ल पंचमी
16 मई 2016 एकादशी एवं प्रदोष स्नान
21 मई 2016 पूर्णिमा