लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि सुगम यात्रा और सुरक्षित यात्रा हर नागरिक का अधिकार है। ये सरकार का दायित्व बनता है कि जिस विश्वास के साथ एक पैसेंजर यात्रा करता है, हमें उसके इस अधिकार का अपने कर्तव्यों के ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करते हुए करना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी ने अपने सरकारी आवास पर 93 नई राजधानी सेवा एवं 7 साधारण बीएस-6 बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के बाद कहा कि हमारे सामने सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों के आंकड़े अत्यंत भयावह है। अगर एक वर्ष के अंदर उत्तर प्रदेश के आंकड़े को ही प्रस्तुत करूं तो एक भयानक दृश्य सामने आता है। तीन वर्ष में कोरोना जैसी बीमारी से जितनी जानें नहीं गईं, उससे ज्यादा मौतें एक वर्ष में सड़क दुर्घटना में होती हैं। ओवरस्पीडिंग के कारण, सड़क इंजीनियरिंग फाल्ट के कारण, या फिर नियमों के उल्लंघन के चलते सड़क दुर्घटना होती है और किसी मासूम की जान जाती है। यह हम सबके लिए न केवल एक चेतावनी है बल्कि चिंता का विषय भी है। व्यापक जागरूकता से, सड़क के लिए निर्धारित नियमों का पालन करने से हम असंख्य लोगों की जान बचा सकते हैं। हमारे लिए एक-एक जान कीमती है। यह जान एक परिवार, समाज और राष्ट्र के लिए यह अमूल्य निधि है।
उन्होने रोड एक्सीडेंट और इससे होने वाली मौतों को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि किसी भी एक्सीडेंट से होने वाली मौत को रोकने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान प्रारंभ करना एक राष्ट्रीय कार्यक्रम होगा। इस संबंध में केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने भी बार-बार चिंता व्यक्त की है। आज के इस अवसर पर परिवहन निगम जिन कार्यक्रमों के लेकर चल रहा है, इसको और प्रभावी ढंग से बढ़ाने की व्यवस्था हो। हमारा प्रयास हो कि परिवहन निगम की बसों से उत्तर प्रदेश के अंदर पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सेवा का उपयोग जो लोग भी करना चाहते हैं, हमें उन लोगों तक इस प्रकार की सुविधा पहुंचानी होगी। केवल निगम के स्तर पर ही नहीं, आवश्यक्ता पड़ती है तो प्राइवेट ऑपरेटर को भी एक रेगुलेशन के साथ जोड़कर हर गांव तक हमें यातायात की और बस सेवा की सुविधा उपलब्ध करानी होगी। अगर हम हर गांव तक यह सुविधा उपलब्ध कराएंगे, तो लोगों के लिए आसान होगा। पब्लिक ट्रांसपोर्ट का लोग उपयोग करेंगे।
सीएम योगी ने इलेक्ट्रिक बसों के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि जहां इलेक्ट्रिक बस सेवा प्रारंभ हुई है वहां लोगों में एक नई डिमांड शुरू हुई है। हमने वर्तमान में यूपी के 10 शहरों में इलेक्ट्रिक बस सेवा की शुरुआत की है। जहां जाओ वहां हर व्यक्ति कहता है कि हमारे यहां भी इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू करा दीजिए। इस अवसर पर कहना चाहूंगा कि समय आ गया है, बस स्टेशन अच्छे हों, सुरक्षित हों, हमारी बस की सेवा लोगों की डिमांड के अनुरूप हो। आवश्यक नहीं कि हम सरकार से पैसा लेकर के ही परिवहन निगम के बेड़े को हम बड़ा करने का प्रयास करें। हमारा प्रयास हो कि परिवहन निगम के मौजूदा संसाधन में तो वृद्धि हो ही, साथ ही प्राइवेट ऑपरेटर को इससे जोड़कर प्रत्येक गांव, प्रत्येक शहर को बेहतरीन बस सेवा से जोड़ लेंगे तो उत्तर प्रदेश के अंदर सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों की दर को भी न्यूनतम स्तर पर लाने में सफलता प्राप्त होगी।
इससे पहले सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को 50 वर्ष की यात्रा पूर्ण करने पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने उद्बोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि आजादी के कुछ ही महीने पहले 15 मई 1947 को उत्तर प्रदेश में एक राजकीय परिवहन सेवा प्रारंभ हुई थी। इसका उद्देश्य लोगों को सुगम और सुरक्षित यात्रा कराना था। यही राजकीय परिवहन सेवा एक जून 1972 को उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के रूप में आगे बढ़ी और देश के सबसे बड़े आबादी के राज्य में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सबसे बड़ी इकाई के रूप में 50 वर्ष की यात्रा को आगे बढ़ाते हुए शानदार कार्य कर रही है। इस अवसर पर परिवहन निगम को ह्दय से बधाई। आज राजधानी सेवा की जिन 93 बसों और 7 अन्य साधारण बसों का यहां प्रारंभ किया जा रहा है, इसके लिए प्रदेशवासियों को भी ह्दय से शुभकामनाएं हैं।
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के 50 वर्षों की इस यात्रा के फलस्वरूप 100 राजधानी सेवा प्रारंभ करने के इस अवसर पर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अध्यक्ष परिवहन निगम प्रशांत त्रिवेदी, प्रमुख सचिव परिवहन वेंकटेश्वर लू, एमडी मासूम सरवर एवं परिवहन विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।