लखनऊ, । बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश मायावती ने हरियाणा की भाजपा सरकार परजाट समुदाय को आरक्षण की सुविधा देने के मामले में धोखेबाजी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मनोहर लाल खट्टर सरकार की इस मामले में नीयत और नीति सही नहीं है जिस कारण ही सम्बन्धित कानून को त्रुटिपूर्ण बनाया है और जिस कारण ही फिर न्यायालय को, उसे लागू करने पर रोक लगाने की अन्तरिम स्थगन आदेश देना पड़ा है। एक बयान में उन्होंने कहा कि खासकर हरियाणा राज्य में जाट समुदाय को अन्य पिछड़े वर्ग (ओ.बी.सी.) में शामिल करके सीधेतौर पर उन्हंे आरक्षण की सुविधा प्रदान करने के मामले में कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियों की सरकारें ईमानदार नहीं रही हैं। इसी कारण वहां के जाट समुदाय के लोगों को बार-बार आन्दोलन पर उतरना पड़ा और पुलिस की लाठी भी खानी पड़ी है। यहां उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में जाट समुदाय के जबर्दस्त आन्दोलन के कारण हरियाणा की भाजपा सरकार को उनके आगे झुकना पड़ा और आरक्षण देने की मांग को आधे-अधूरे मन से स्वीकारनी पड़ी है। उसी का ही परिणाम है कि जाट समुदाय के लोगों को अन्य पिछड़े वर्ग (ओ.बी.सी.) के तहत् आरक्षण देने के बजाय, एक अलग पिछड़ा वर्ग बनाकर उन्हंे आरक्षण की सुविधा देने सम्बन्धी कानून बनाया गया। परन्तु उस कानून की बुनियाद ठोस आधार पर नहीं रख कर केवल खानापूर्ति करने वाला कानून बनाया गया है, जिस कारण प्रथम दृष्टया संविधान-सम्मत नहीं मानते हुये मा. हाईकोर्ट नेे उसके अमल पर अन्तरिम तौर पर स्थगन आदेश दिया है अर्थात इस मामले को लम्बे समय तक लटकाये रखने हेतु हरियाणा सरकार ने अब अदालती कार्यवाही में जानबूझकर उलझा दिया है। यह स्पष्ट तौर पर भाजपा सरकार की एक सोची-समझी साजिश का परिणाम लगता है। गुजरात की भाजपा सरकार ने भी पटेल/पाटीदार समाज को अन्य पिछड़े वर्ग (ओ.बी.सी.) में सीधे-सीघे आरक्षण देने के बजाय, उन्हें भी अलग से पिछड़ा वर्ग बनाकर आरक्षण दिया है, जो कि इनकी गलत नीयत को उजागर करता है। इस प्रकार जाटों व पटेल/पाटीदार समाज को (ओ.बी.सी.) के तहत् आरक्षण नहीं दिये जाने के मामले में हरियाणा एवं गुजरात की भाजपा सरकार की जातिवादी नीयत व नीति पूरी तरह से दोषी है। हरियाणा की भाजपा सरकार की इस प्रकार की जाट आरक्षण-विरोधी नीयत व नीति की तीव्र निन्दा करते हुये बी.एस.पी. प्रमुख ने कहा कि आरक्षण पाने के अपने हक के मामले में जाट समुदाय के लोगों को काफी सतर्क रहने की जरूरत है, वर्ना भाजपा की कथनी व करनी में हमेशा आसमान-जमीन का अन्तर रहता है यह किसी से छिपा हुआ नहीं है।