लखनऊ, बी0एस0-4 की रैली 26 जुलाई, 2016 को लखनऊ स्थित महाराजा बिजली पासी किले पर होगी। रैली मे, नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बिहार सरकार, मुख्य अतिथि होंगे तथा आर0 के0 चौधरी पूर्व मंत्री उ0 प्र0 विशिष्ट अतिथि होंगे।मान्यवर कांशीराम जी के न रहने के बाद बसपा मुखिया सुश्री मायावती जी ने बहुजन समाज पार्टी की दिशा और दशा दोनों ही बदल दिया। सामाजिक परिवर्तन के लिए बने बहुजन समाज पार्टी को मनुवादियों ने घुसपैठ करके कब्जा कर लिया। बसपा का मतलब ब्राम्हण समाज पार्टी होकर रह गयी है, सुश्री मायावती जी मनुवादियों के हाथ खेलने लगी हैं। उन्हें बहुजन समाज के भविष्य की चिन्ता नहीं रह गयी हैं, बल्कि अकूत पैसा प्रापर्टी बनाने की हवस हो गयी है। पार्टी के जमीनी और मिशनरी कार्यकर्ता नजर अंदाज किये जा रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी पर प्रापर्टी डीलर दबंग ठेकेदार और भू-माफियां कब्जा करते जा रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी अब सामाजिक परिवर्तन का आन्दोलन नही बल्कि सुश्री मायावती जी की निजी रियल स्टेट कम्पनी बनकर रह गयी है। सुश्री मायावती के इस बदली हुयी कार्यशैली से पार्टी के कार्यकर्ता और पार्टी से जुड़ा समाज बेचैन हो गया है। पार्टी में कभी भी कोई बड़ी सामूहिक बगावत हो सकती है। बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता किसी बड़े विकल्प की तलाश में हैं। वे सामाजिक परिवर्तन के महानायकों की विचारधारा पर काम करना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में छत्रपति शाहू जी के जन्मदिन पर बी0एस0-4 द्वारा महाराजा बिजली पासी किला पर लखनऊ में 26 जुलाई 2016 को 11ः00 बजे एक विशाल रैली का आयोजन किया गया है। रैली को मुख्य अतिथि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बिहार सरकार और विशिष्ट अतिथि माननीय आर0के0 चौधरी सम्बोधित करेंगे। मिशन के जमीनी कार्यकर्ताओं की राय मशविरा लेने के लिए 17 जुलाई को सभी जिला मुख्यालयों पर कार्यकर्ता बैठक होगी। रैली में नीतीश कुमार ने बतौर मुख्य अतिथि पधारने के लिए अपना सहमति पत्र भेज दिया है।
रैली सामाजिक परिवर्तन के महानायक एवं आरक्षण के जनक छत्रपति शाहू जी के जन्मदिवस पर बी0एस0-4 द्वारा आयोजित की जा रही है। इसी दिन छत्रपति शाहू जी ने सन्-1902 कोल्हापुर राजा रहते हुए समाज के कमजोर एवं पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण की व्यवस्था की थी। इसी आरक्षण से उस बहुजन समाज के भागीदारी का सिलसिला शुरू हो सका जो मनुवादी व्यवस्था के चलते सदियों से सभी मानवीय अधिकारो से वंचित था। इसीलिए 26 जुलाई का दिन बहुजन समाज के लिए सामाजिक परिवर्तन का एक ऐतिहासिक दिन है। मान्यवर कांशीराम जी ने छत्रपति शाहू जी सहित सामाजिक परिवर्तन आनदोलन के महानायकों फूले पेरियार और डाॅ0 अम्बेडकर की विचारधारा पर काम करने के लिए बहुजन समाज पार्टी बनाया और सामाजिक परिवर्तन आन्दोलन को आगे बढ़ाया।