भविष्य मे भूकंप आने से पूर्व ही इसकी सूचना मिल जायेगी। भूकंप आने की भविष्यवाणी संभव हो चुकी है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के दो वैज्ञानिकों ने भूकंप से काफी वक्त पहले धरती में होने वाले कंपन को भांप उसे रिकॉर्ड करने वाला उपकरण तैयार कर दिया है। इसके आधार पर आगाह किया जा सकता है कि भूकंप आने वाला है, जिससे लोगों को सचेत कर नेपाल की तरह हुई जन-हानि होने को रोका जा सकता है। इस उपकरण को दोनों वैज्ञानिक पेटेंट करा चुके हैं।
जानवरों के लो फ्रीक्वेंसी कंपन को महसूस करने की शक्ति के सिद्धांत पर काम करते हुए एएमयू के इलेक्ट्रिकल विभाग के वैज्ञानिक प्रो. एमएस जमील असगर और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के वैज्ञानिक डॉ. सैयद जावेद आरिफ ने उपकरण तैयार किया है।उपकरण 3 लाख रुपये में बनकर तैयार हुआ । जानवरों में इंसान से ज्यादा लो फ्रीक्वेंसी कंपन को महसूस करने की शक्ति होती है। वह एक हर्टज फ्रीक्वेंसी तक के कंपन को महसूस कर सकते हैं। जबकि, इंसान 20 हर्टज से अधिक के कंपन का अहसास कर सकता है। यही वजह है जानवर भूकंप और तूफान की आहट पहचान कर समय से पहले सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाते हैं।
प्रो. एमएस जमील असगर ने बताया कि भूकंप कभी सीधे नहीं आता। धरती के नीचे की प्लेट्स खिसकने से जमीन से तरंगें उठने पर कंपन होता है। जो निशानी होता है कि जमीन के नीचे कुछ हलचल चल रही है। लगातार कंपन और उसकी फ्रीक्वेंसी माप कर ये जाना जा सकता है कि भूकंप एक सप्ताह में आ सकता है।