अब संसद भवन परिसर में गूंजेगी नौनिहालों की किलकारी, जानिए क्या है वजह
February 18, 2018
नई दिल्ली, संसद में आमतौर पर राजनीतिक चर्चाओं और सांसदों के भाषणों की गूंज रहती है, लेकिन अब परिसर में नौनिहालों की किलकारी भी गूंजेगी। संसद भवन परिसर में शिशु सदन का निर्माण किया गया है ताकि वहां काम करने वाली महिला कर्मचारी अपने बच्चे को वहां रखकर चिंता मुक्त वातावरण में काम कर सकें। उम्मीद है कि यह क्रेच संसद सत्र के अगले भाग में काम करने लगेगा। संसद भवन परिसर में क्रेच का सृजन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की पहल पर किया गया है।
लोकसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने 5 फरवरी को इस क्रेच का अनौपचारिक तौर पर उद्घाटन किया था। इसके रखरखाव एवं व्यवस्था के लिये एक कल्याण अधिकारी की तैनाती की गई है जिसमें शुरूआत में 16 बच्चों के रखने की व्यवस्था की गई है। यहां पर महिला कर्मचारियों को बच्चों को दूध पिलाने के लिये ‘फीडिंग रूम’ की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि क्रेच में पंजीकरण के लिये काफी आवेदन आ रहे हैं और इन्हें वरीयता एवं जरूरत के आधार पर तय किया जा रहा है। इसमें सबसे अधिक वरियता ‘सिंगल मदर’ और दूसरी वरियता ‘सिंगल फादर’ को दी जा रही है। इसके अलावा काफी संख्या में दंपति भी यहां काम करते हैं और उन्हें तवज्जो दी जा रही है ।
अधिकारी ने बताया कि सत्र के दौरान कुछ कर्मचारियों को काफी समय तक सदन में रहना पड़ता है, क्रेच में इन्हें भी प्राथमिकता दी जा रही है। इसमें यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि घर से दूरी कितनी है। उन्होंने बताया, ‘‘हम आगे इसका विस्तार भी करेंगे। यह इस आधार पर तय किया जायेगा कि कितनी उम्र के बच्चे आ रहे हैं। शिशु सदन में लम्बे समय तक बच्चों को रखना है, तो वहां कई तरह की गतिविधियों से जुड़ी सुविधाओं की जरूरत होगी। ऐसे में वहां पाठ्य सामग्री एवं खेल सामग्रियों का भी प्रबंध किया गया है।
संसद भवन में काम करने वाली महिला कर्मचारियों के लिये शिशु सदन का निर्माण संसद सौंध विस्तार की नई इमारत में किया गया है। क्रेच का निर्माण करीब 1500 वर्ग फुट क्षेत्र में किया गया है। उल्लेखनीय है कि संसद में कुछ समय पहले मातृत्व लाभ संशोधन विधेयक 2016 पारित किया गया था जिसमें कुछ श्रेणी की संस्थाओं में कार्यरत महिलाओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए क्रेच का निर्माण किया गया है।