नई दिल्ली, देश की राजधानी दिल्ली में मदर डेयरी और अमूल समेत ब्रांडेड-नॉन ब्रांडेड दूध में मिलावट हो रही है. इसका खुलासा दिल्ली सरकार के खाद्य अपमिश्रण विभाग की जांच में हुआ है.
दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि अमूल और मदर डेयरी का दूध अपेक्षित मानकों पर खरा नहीं उतरा है. मंत्री ने बताया कि दोनों ब्रांड समेत दूध के 21 नमूने जांच के दौरान मानकों के अनुसार नहीं पाए गए. हालांकि जैन ने यह भी कहा कि ये नमूने असुरक्षित नहीं थे, मगर इनमें वसा व अन्य घटकों की मात्रा निर्धारित स्तर पर नहीं पाई गई.
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “मानकों पर खरा नहीं उतरने से अभिप्राय यह है कि वसा की मात्रा पांच फीसदी होनी चाहिए, लेकिन वह तीन फीसदी ही पाई गई. सरल शब्दों में कहें तो पानी मिला हुआ था. दूध के विफल पाए गए 21 नमूनों में से ज्यादातर में मिलावट पाई गई.” उन्होंने कहा कि जांच का यह अभियान जारी रहेगा और पनीर व खोया जैसे दुग्ध उत्पादों की भी जांच की जाएगी.
यह मिलावट भले ही सीधे तौर पर स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह नहीं हो लेकिन दूध में पोषक तत्वों की कमी पाई गई है. दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि जिन मामलों में मिलावट पाई गई है, उन पर 50 हजार से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
खाद्य अपमिश्रण विभाग ने 13 से 28 अप्रैल के बीच दूध और घी के करीब 177 सैंपल लिए थे। इनमें ब्रांडेड व नॉन ब्रांडेड दूध-घी शामिल थे. 165 सैंपल की जांच रिपोर्ट में 21 में मिलावट पाई गई है.