लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने जालौन जिले में अम्बेडकर की प्रतिमा के अनादर का विरोध कर रहे लोगों पर कथित लाठीचार्ज की आज कड़ी निन्दा करते हुए इसे राज्य की भाजपा सरकार के दलित विरोधी रवैये की निशानी करार दिया।
मायावती ने यहां एक बयान में कहा कि जालौन में अम्बेडकर प्रतिमा का अपमान किये जाने के विरोध में कल प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने लाठियां बरसायीं और उनमें से कई लोगों को जेल भेज दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के इस रवैये को जातिवादी, राजनीतिक द्वेषपूर्ण, अन्यायपूर्ण और दलित-विरोधी नहीं तो और क्या कहा जायेगा।
आन्दोलनकारी लोगों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों पर सख़्त कार्रवाई करने की माँग करते हुये मायावती ने कहा कि इस प्रकार के संगीन अपराध करने वालों के खिलाफ कोई सख़्त कार्रवाई नहीं किया जाना, इस मामले में सरकार की संलिप्तता को दर्शाता है।
मालूम हो कि जालौन के कालपी कोतवाली क्षेत्र के काशीखेड़ा गांव में सड़क किनारे लगी अम्बेडकर प्रतिमा का शरारती तत्वों ने अपमान किया था। इसके विरोध में बसपा कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था। पुलिस ने इस दौरान एक पुलिस क्षेत्राधिकारी सुबोध गौतम पर हमला करने वाली कुछ महिलाओं को हिरासत में ले लिया था।
बसपा अध्यक्ष ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय :बीएचयूः में छेड़छाड़ का विरोध कर रही छात्राओं पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की भी भर्त्सना करते हुए कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार के ग़लत तथा उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस ज़्यादती के फलस्वरूप हिंसा, आगजनी तथा उपद्रव हुआ।
इस मामले में विश्वविद्यालय के कुलपति का रवैया भी छात्र-छात्रा हितैषी नहीं होकर अड़ियल तथा तानाशाही पूर्ण लगता है। उन्होंने सरकार से माँग की कि सरकार छात्र-छात्राओं के साथ न्याय सुनिश्चित करे तथा उनकी सुरक्षा का समुचित प्रबंध करे।