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अलगाववादियों की सुविधाएं वापस लेने का पक्षधर हूंः पर्रिकर

manoharवडोदरा,घाटी में अशांति को देखते हुए कश्मीरी अलगाववादियों की सुरक्षा कम करने और उनकी विभिन्न सुविधाओं को खत्म करने की खबरों के बीच रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि इस तरह की सुविधाएं काफी पहले खत्म हो जानी चाहिए थी। रविवार को यहां एक समारोह में शिरकत करने के बाद उन्होंने कहा, कश्मीरी अलगाववादियों को दी जा रही सुविधाएं काफी पहले वापस ले ली जानी चाहिए थी। रक्षा मंत्री एफजीआई एक्सेलेंस अवार्डस प्रदान करने और नगर के डांडिया बाजार इलाके में सिद्धिविनायक मंदिर की तरफ से आयोजित समारोह में शिरकत करने आए थे। यहां आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सोने से बने जनेउ को भगवान को अर्पित किया। जब उनसे पूछा गया कि क्या अलगाववादियों को सरकारी खर्च पर सुविधाएं जारी रखनी चाहिए तो मंत्री ने कहा, अलगाववादियों को इस तरह की सुविधाएं देने को लेकर चिंता है। मैं इस तरह की सुविधाएं वापस लेने का पक्षधर हूं। उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब केंद्र ने अलगाववादियों के प्रति अपना रूख कड़ा कर लिया है। हाल में जम्मू-कश्मीर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल सांसदों को अलगाववादियों द्वारा नजरअंदाज करने के बाद केंद्र ने यह रूख अपनाया है। अलगाववादियों द्वारा सांसदों के प्रति उदासीनता से क्षुब्ध सरकार उनके पासपोर्ट वापस लेकर विदेशों की यात्रा खत्म करने और कुछ मामलों में यात्रा दस्तावेज जारी नहीं करने पर विचार कर रही है। इसके अलावा उनकी सुरक्षा भी कम करने पर विचार हो रहा है। पर्रिकर ने कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती को भी उचित ठहराते हुए कहा कि इसका उद्देश्य सीमा पार से आतंकवादियों के भारत में प्रवेश को नाकाम करना है और इसका घाटी में जारी अशांति से कोई लेना-देना नहीं है। पर्रिकर ने कहा, सेना अंदरूनी मामलों में तब तक कार्रवाई नहीं करती जब तक स्थानीय प्रशासन आग्रह नहीं करता। हमारा मकसद सीमा को सील करना है और आतंकवादियों के प्रयास को नाकाम करना है। आज तीन आतंकवादियों को भारत में घुसने का प्रयास करते समय मार गिराया गया। सेना ने कश्मीर के नौगाम, तंगधार और गुरेज सेक्टर में सीमा रेखा के पास घुसपैठ के तीन अलग-अलग प्रयासों को नाकाम कर दिया। पर्रिकर ने कहा कि लोगों का प्रदर्शन सेना के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता और सेना की अतिरिक्त तैनाती का कश्मीर में नागरिक अशांति से कोई लेना-देना नहीं है। अलगाववादियों सहित सभी संबंधित पक्षों से वार्ता करना और कश्मीर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष रणनीति बनाने के मुद्दे पर मंत्री ने कहा, इन मुद्दों पर गृह मंत्रालय निर्णय करता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार घाटी में हिंसा से ठीक तरीके से निपट रही है। रक्षा मंत्री ने कहा, यह सब सीमा पार से संचालित हो रहा है। राज्य में थोड़े लोग अधिकतर लोगों को बंधक बनाए हुए हैं।

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