लखनऊ , राजधानी में एचसीएल कैम्पस की स्थापना से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के क्षेत्र में प्रदेश के नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे नगर एवं प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेगी और लोगों की माली हालत में सुधार आएगा। समाजवादी सरकार के प्रयासों के चलते उत्तर प्रदेश को लेकर आईटी सेक्टर की कंपनियों की धारणा में बदलाव आ रहा है। अब ये प्रतिष्ठान नोएडा के अलावा देश के सबसे बड़े राज्य की राजधानी में आईटी कैम्पस स्थापित करने के लिए आगे आ रहे हैं। सीएम अखिलेश यादव ने ये बातें आईटी सिटी में एचसीएल कैंपस के पहले बैच के 150 प्रशिक्षणार्थियों को सबंधित करते हुए कही है।
मुख्यमंत्री आगे कहा कि बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ निवेश फ्रेण्डली नीतियां भी इसमें शामिल हैं। एचसीएल एवं शिव नाडर फाउण्डेशन के संस्थापक एवं चेयरमैन शिव नाडर की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि एचसीएल, आईटी के क्षेत्र में देश ही नहीं बल्कि दुनिया में जाना पहचाना जाता है। इस विश्वस्तरीय प्रतिष्ठान का प्रदेश से पुराना नाता है। नोएडा में एचसीएल के करीब 32 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं। लखनऊ में प्रतिष्ठान द्वारा नया कैम्पस स्थापित करने से यह सम्बन्ध और मजबूत होगा।
मुख्यमंत्री ने लखनऊ को तहजीब एवं संस्कार का शहर बताते हुए कहा कि इस नगर के समकक्ष कोई दूसरा शहर नहीं है। विशाल आबादी वाले प्रदेश की राजधानी होने के साथ ही लखनऊ पूरे देश की राजनीतिक राजधानी भी है। इस प्रदेश ने देश को कई प्रधानमंत्री दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नौजवानों की दिली ख्वाहिश है कि उत्तर प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी के प्रतिष्ठान उसी तरह से कायम हो, जैसे दक्षिण भारत के विभिन्न नगरों में स्थापित हैं, ताकि यहां के नौजवानों को रोजगार के लिए घर से दूर न जाना पड़े। राज्य सरकार ने नौजवानों की भावना को समझते हुए इस दिशा में गम्भीर प्रयास शुरू किए। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश के लिए गम्भीरता से प्रयास किए गए, जिनके नतीजे अब दिखाई पड़ने लगे हैं। उन्होंने कहा कि एचसीएल का लखनऊ में कैम्पस होने से उत्तर प्रदेश को विशेष पहचान मिलेगी।
चक गंजरिया क्षेत्र का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि यह क्षेत्र स्मार्ट सिटी के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। यह क्षेत्र आईटी के साथ-साथ भविष्य में मेडिकल का हब भी बनने जा रहा है। एचसीएल के अलावा यहां विश्वस्तरीय कैंसर संस्थान एवं अन्य निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं। इसके लिए उन्होंने वर्तमान मुख्य सचिव आलोक रंजन के सतत अनुश्रवण एवं तत्कालीन मुख्य सचिव एवं वर्तमान में राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी द्वारा तैयार की गई आईटी नीति की सराहना करते हुए कहा कि बिना इनके प्रयासों के यह प्रगति सम्भव नहीं थी।