नई दिल्ली, सीबीआई ने आज प्रवर्तन निदेशालय के आईपीएल क्रिकेट सट्टेबाजी प्रकरण की जांच ककरने वाले प्रवर्तन निदेशालय के तत्कालीन संयुक्त निदेशक जेपी सिंह को आज गिरफ्तार कर लिया। सिंह आईपीएल क्रिकेट सट्टेबाजी घोटाले के आरोपियों से कथित रूप से रिश्वत लेने के आरोपों की जांच एजेन्सी की जांच का सामना कर रहे थे। भारतीय राजस्व सेवा के 2000 बैच के अधिकारी सिंह सीमा एवं उत्पाद शुल्क प्रकोष्ठ के अधिकारी हैं। प्रवर्तन निदेशालय से मिली शिकायत के आधार पर सीबीआई उनकी जांच कर रही थी। वह अब भारतीय राजस्व सेवा में सीमा एवं उत्पाद शुल्क इकाई में आयुक्त के तौर पर अपने मूल काडर में चले गए हैं। सिंह के अलावा, सीबीआई ने प्रवर्तन अधिकारी संजय और दो गैर सरकारी व्यक्तियों विमल अग्रवाल और चंद्रेश पटेल को भी गिरफ्तार किया है।
सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद सीबीआई की ओर से दिए गए बयान में कहा गया कि यह आरोप है कि सट्टे में धन शोधन और अन्य ऐसी गतिविधियों की जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय के कुछ अधिकारियों ने आरोपियों और संदिग्ध व्यक्तियों से कथित तौर पर मोटी रिश्वत मांगी थी और स्वीकार की थी। सूत्रों ने बताया निदेशालय की अहमदाबाद इकाई 2000 करोड़ रूपये के आईपीएल सट्टाबाजी कांड और 5,000 करोड़ रूपये के धन शोधन की जांच कर रही थी जो कथित हवाला ऑपरेटर अफरोज फट्टा के खिलाफ था। इस मामले में संदिग्धों ने कथित तौर पर फायदा मांगा था। सीबीआई ने कहा था कि भूल चूक के विभिन्न कृत्यों के बदले इन अधिकारियों ने कथित तौर पर मोटी रिश्वत ली थी। सिंह और प्रवर्तन निदेशालय के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। सूत्रों ने बताया कि निदेशालय के निदेशक को विभिन्न तबकों से इसकी अहमदाबाद इकाई के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर रिश्वत मांगने के बारे में कई शिकायतें मिली थीं। इन शिकायतों को जांच के लिये सीबीआई को भेज दिया गया था।